लखनऊ

कमलेश तिवारी हत्याकांड: डीजीपी ने कहा- 2015 के बयान के कारण हुई कमलेश तिवारी की हत्या, सूरत से तीन हिरासत में

कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शनिवार को डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर हत्याकांड से जुड़े तथ्यों पर चर्चा की

लखनऊOct 19, 2019 / 12:54 pm

Karishma Lalwani

dgp

लखनऊ. हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) के हत्याकांड ममाले में शनिवार को डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने प्रेस कांफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने हत्याकांड से जुड़े तथ्यों पर चर्चा की। डीजीपी ने कहा कि यह संगीन मामला है और ऐसे में सभी अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पकड़ के लिए छोटी-छोटी टीमों का गठन किया गया है। कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या हुई थी। हत्या से जुड़े सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है।
गुजरात से तीन हिरासत में

कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात से तीन लोगों का नाम शामिल है। डीजीपी ने कहा कि घटनाक्रम के पीछे किसी आतंकी संगठन के होने की बात अभी तक सामने नहीं आई है। जांच में हत्या के तार गुजरात से जुड़े पाए गए हैं। वहीं, जांच में गुजरात पुलिस के साथ साझा अभियान में हिरासत में लिया गया है। जिन तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है उनके नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम है, जो सूरत का रहने वाला है। यह साड़ी की दुकान पर काम करता है। वहीं, दूसरा फैजान है और ये भी सूरत का रहने वाला है। यह सूरत के जिलानी अपार्टमेंट में रहता है और जूते की दुकान पर काम करता है। वहीं, तीसरा शख्स 23 वर्षीय रशीद अहमद पठान है। इन तीनों के अलावा दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। डीजीपी के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड अभी तक सामने नहीं आया है।
2015 में दिए बयान के कारण हुई हत्या

डीजीपी ने कहा कि हत्या की वजह 2015 में दिए भड़काऊ बयान माना जा रहा है। हत्याकांड में बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। 2015 में दोनों मौलानाओं ने कमलेश का सिर कलम करने पर इनाम रखा था। इन मौलानाओं की जांच की जा रही है। यूपी पुलिस गुजरात पुलिस और एटीएस के संपर्क मेंं है। इन मौलानाओं के बाद सूरत से पकड़े गए तीन आरोपियों का इनसे संबंध खंगाला जा रहा है।
मिठाई के डिब्बे में अहम सुराग

डीजीपी ने बताया कि जिस मिठाई के डिब्बे में कमलेश तिवारी को मारने का सामान लाया गया था उसमें अहम सुराग मिले। लखनऊ पुलिस ने सीसीटीवी से लेकर तमाम साक्ष्य कलेक्ट किए हैं। मामले की गहन जांच व हत्यारों का पता लगाने के लिए कई टीमों को यूपी के बाहर भेजा गया था।
रिमांड पर लखनऊ आ सकते हैं आरोपी

सूरत से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये तीनों कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल थे। लखनऊ से भी दो अन्य लोगों का नाम शामिल होने की बात कही गई। तीनों आरोपियों को स्पेशल टीम रिमांड पर लखनऊ ला सकती है।
रशीद पठान हत्या का मास्टरमाइंड

कमलेश तिवारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी रशीद पठान बताया जा रहा है। वहीं, एफआईआर में साजिश रचने वाले मौलाना अनावरुल और मुफ्ती काजमी से पूछताछ कर सबूट जुटाए गए। डीजीपी ने बताया कि लखनऊ, बिजनौर और सूरत को जोड़कर विवेचना की जा रही है। रशीद पठान ने हत्या की प्लानिंग की। मौलाना मोहसिन शेख को 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए बयान पर भड़काया गया, जिसपर मौलाना ने कहा कि कमलेश का कत्ल होना चाहिए। इसके बाद प्लानिंग के तहत फैज़ान ने मिठाई खरीदी जिसमें मिठाई की जगह चाकू रखा था। राशीद के भाई और गौरव तिवारी को पूछताछ के बाद छोड़ा गया। प्लानिंग के अनुसार, गौरव ने कमलेश को फोन कर उनके संगठन में काम की इच्छा ज़ाहिर की थी। मामले में किसी आतंकी संगठन की जानकारी सामने नहीं आई।
क्या था बयान

हिंदू समाज पार्टी का गठन करने से पहले कमलेश तिवारी हिंदू महासभा से जुड़े थे। उन्होंने 2015 में पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान था जिसपर काफी विवाद हुआ था। इस मामले में कमलेश तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था। तब उनपर रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी और वे जमानत पर बाहर चल रहे थे।
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