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डायबिटीज रोगी अब हफ्ते में एक बार लगाए इंसुलिन, नहीं होगी रोज-रोज जरूरत, बड़ी उपलब्धि

locationलखनऊPublished: Jun 13, 2022 10:14:50 am

Submitted by:

Snigdha Singh

Diabetes patients: अब इंसुलिन हफ्ते में हर दिन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि एक बड़ी उपलब्धि मिली है। इसे आप मात्र हफ्ते में एक दिन इंसुलिन ले लीजिए।

Diabetes patients now take insulin once a week in India

Diabetes patients now take insulin once a week in India

डायबिटीज मरीजों के लिए राहतभरी खबर है। उन्हें अब रोज इंसुलिन लगाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। अब एक बार लगने वाली इंसुलिन से हफ्तेभर की फुरसत हो जाएगी। अमेरिका में बेसल इंसुलिन के नए सॉल्ट का प्रयोग सफल हो गया है, इसी साल भारत में यह बाजार में आ जाएगी। कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के पैटर्न डॉ. ब्रिजमोहन ने बातचीत में इसे साझा किया। डॉ. मोहन रविवार को एसोसिएशन की ग्लोबल कांफ्रेंस में शिरकत कर लौटे हैं। उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में शुगर रोगियों के लिए नए-नए शोधों को दुनिया भर के डॉक्टरों ने कांफ्रेंस पटल पर रखा। इंसुलिन पर लंबे चले वैज्ञानिक सत्रों में सामने आया कि अब डायबिटीज रोगियों को तनाव लेने की जरूरत नहीं है। आने वाले चंद सालों में तरह-तरह की इंसुलिन आने वाली हैं। डॉ. मोहन के मुताबिक डायबिटीज रोगियों को हर दिन एक बार बेसल इंसुलिन लगाना पड़ता है लेकिन नई बेसल इंसुलिन भारतीय बाजार में आने जा रही है, जिससे सात दिन की राहत मिलेगी।
स्मार्ट इंसुलिन भी आएगी

डॉ. मोहन के मुताबिक कांफ्रेंस में स्मार्ट इंसुलिन का शोध पत्र भी सामने रखा गया, जिसके अनुसार एक पैच पेट में लग जाएगा और जब आप खाना खाएंगे तो पैच में लगे महीन कांटों के सहारे इंसुलिन रिलीज हो जाएगी। जब तक आप खाएंगे नहीं, इंसुलिन रिलीज नहीं होगी। यह सबकुछ ऑटोमेटिक मोड में होगा। उन्होंने बताया कि ओरल इंसुलिन पर भी दुनिया में अमेरिका, कनाडा के साथ यूरोप के कई देशों में शोध हो रहे हैं लेकिन वर्ष 2024 के बाद के बाद ही कोई रिजल्ट सामने आएगा।
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जानिए क्या हैं आंकड़े

– 10 लाख मौतें भारत में एक साल के भीतर डायबिटीज से हुईं, कोरोना बड़ी आफत रहा
– 08 करोड़ मरीज भारत में हैं इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार

– 11 करोड़ हो जाएगी 2030 में संख्या और वर्ष 2045 में 13.5 करोड़ हो जाएगी

– 2.70 लाख बच्चे भारत में टाइप-1 के शिकार रिपोर्ट के मुताबिक
क्या है बेसल इंसुलिन

मौजूदा समय में इंसुलिन लेने के दो तरीके हैं। पहला बोलस और दूसरा बेसल। बोलस से खुराक लेने पर तुरंत राहत मिलती है, इसे खाने के पहले लिया जाता है जबकि बेसल से खुराक लेने पर लंबे समय पर ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य रहता है। इसके तहत ग्लूकोज लेवल सुबह से रात तक नियंत्रित रहता है। बेसल इंसुलिन का काम ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेंटेन रखना है, खासतौर पर व्रत और सोने के दौरान। जब भी कोई व्यक्ति व्रत करता है तो उस दौरान लिवर ग्लूकोज निकालता है, जो हमारी रक्त कोशिकाओं से होते हुए शरीर में जाता है। बेसल इंसुलिन इसी ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में रखने का काम करता है।
जान लीजिए इस इंसुलिन के फायदे

24 घंटे में शरीर में मौजूद पैंक्रियाज इंसुलिन की नियमित मात्रा तैयार करता है। बेसल इंसुलिन इसी की नकल कर शरीर में उतनी ही इंसुलिन की मात्रा का प्रवाह करता है जितना उसे जरूरी होता है।
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