scriptजिले में 10 साल में 26 हजार को टीबी | 26 thousand to 10 years in district TB | Patrika News

जिले में 10 साल में 26 हजार को टीबी

locationलखनऊPublished: Sep 13, 2016 12:32:00 pm

43 रोगियों की मौत हुई पिछले साल, 712 मरीज दम तोड़ अब तक

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टीबी को राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल कर डॉट्स के जरिए गांव-गांव इलाज करने के बावजूद जिले में टीबी रोग पर काबू नहीं पाया जा सका है। जिले में पिछले तीन वर्षों से टीबी के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कमजोर मॉनिटरिंग व निचले स्तर पर कार्मिकों की लापरवाही के कारण बीते वर्ष जिले में इस संक्रामक बीमारी से 43 लोग काल के ग्रास बन गए। पिछले दस वर्षों में जिले में करीब 26 हजार लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 712 लोगों की मौत हो गई।
जानिए टीबी के बारे में

– क्षय रोग माइक्रो बैक्टिरिया ट्यूबरकूलोसिस से पनपता है।

– अधिकांश यह संकड़े स्थानों पर रहने वाले लोगों को खांसी होने पर एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
– लम्बे समय तक जुकाम या बुखार रहने के बाद लगातार खांसी होने, थूक के साथ पुरानी खांसी, रात में पसीना आना, वजन घटना आदि टीबी के मुख्य लक्षण है।

– टीबी से ग्रसित व्यक्ति के खांसने या छींकने से बैक्टिरिया हवा के जरिए दूसरे लोगों में फैलते हैं।
– लम्बे समय तक टीबी का उपचार नहीं लेना टीबी की भयावहता को बढ़ाता है।

– दस दिन तक खांसी होने पर तत्काल क्षय रोग निदान केन्द्र पहुंचकर जांच करवानी चाहिए।

टीबी की चार श्रेणियां
– प्रारंभिक स्पुटम जांच व डाट्स से इलाज

– एमडीआर सीबी नेट से जांच बाड़मेर में

– एक्सडीआर एसएमएस जयपुर में जांच

– टीडीआर कोई इलाज नहीं

जिले में बढ़ते रोगी
वर्ष रोगियों की संख्या

2013 1803

2014 1704

2015 1966

वर्तमान स्थिति

पंजीकृत 1986

मौत 43

डिफाल्टर 33

एमडीआर 38

एमडीआर से मौतें 4

एक्सडीआर 4
एक्सडीआर से मौतें 1

रोगी बढ़े, सुविधा नहीं

जिले में पिछले तीन वर्षों में टीबी रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है जबकि इसके उपचार को लेकर जिले में विशेष वार्ड की सुविधा तक नहीं है। इस रोग के गंभीर रोगियों को राजकीय चिकित्सालय के मेल मेडिकल वार्ड में ही भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इससे यहां पर अन्य रोगियों में हर समय संक्रमण का खतरा बना रहता है।
जिले में 8 टीबी यूनिट

प्रत्येक दो लाख की आबादी पर एक टीबी यूनिट बनाने का प्रावधान है। जिले में बाड़मेर, बायतु, बालोतरा, चौहटन, गुड़ामालानी, समदड़ी, सिणधरी व शिव में टीबी यूनिट की व्यवस्था है। जिले में स्पुटम जांच 43 चिकित्सा केंद्रों पर उपलब्ध है। प्रारंभिक तौर पर रोगियों के चिह्नीकरण का कार्य महिला स्वास्थ्य कर्मियों व आशा सहयोगिनियों को सांैपा गया है। ब्लाक स्तर पर डॉट्स प्रोवाइडर, एमओआईसी, एसटीएस, एसटीएलएस व एमओटीसी व जिला स्तर पर जिला क्षय रोग अधिकारी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इस कार्य की मोनिटरिंग करते हैं।
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