एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत के चलते केंद्र व प्रदेश सरकार के मौजूदा मंत्रियों की संगठन से छुट्टी होने के बाद उत्तर प्रदेश में पांच उपाध्यक्ष और दो महामंत्री, दो क्षेत्रीय अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और महिला मोर्चा के अध्यक्ष का हटना तय है। इसके अलावा कई पदाधिकारियों की भी कार्यकारिणी से छुट्टी हो सकती है। संगठन में फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होते ही संगठन में जगह बनाने के लिए दिग्गजों ने दौड़-भाग शुरू कर दी है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर ही प्रदेश कार्यसमिति में फेरबदल किया जाएगा, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सके।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल, डॉ. सत्यपाल सिंह केंद्र सरकार में तो धर्मपाल सिंह, आशुतोष टंडन व सुरेश राणा प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। स्वतंत्र देव सिंह, अनुपमा जायसवाल प्रदेश सरकार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं संगठन में महामंत्री हैं। कोषाध्यक्ष का पद राजेश अग्रवाल के पास है जो योगी कैबिनेट में वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनके अलावा संगठन में अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद मुकुट बिहारी वर्मा के पास और पश्चिम के अध्यक्ष का पद भूपेंद्र सिंह के पास है, जो योगी कैबिनेट में मंत्री हैं। मंत्री स्वाति सिंह के पास महिला मोर्चा के अध्यक्ष का पद है। ऐसे में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत के चलते संगठन से इन सभी का पत्ता कटना तय माना जा रहा है।