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सात सालों में बढ़ा बेटियों का तिरस्कार, देश के बच्चे पल रहे विदेशी मिट्टी में

locationलखनऊPublished: Aug 21, 2019 02:17:27 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– भारतीय बेटियों को अपना रहे विदेशी दंपत्ति
– बेटियों को मिल रहा स्पेन और बेल्जियम का प्यार

सात सालों में बढ़ा बेटियों का तिरस्कार, देश के बच्चे पल रहे विदेशी मिट्टी में

सात सालों में बढ़ा बेटियों का तिरस्कार, देश के बच्चे पल रहे विदेशी मिट्टी में

लखनऊ. बेटों की चाहत रखने वाले मां-बाप अक्सर बेटी के पैदा होते ही उसे कूड़े कबाड़ में या किसी अन्य स्थान पर फेंक देते हैं। तिरस्कृत बेटियों को सहारा देने के लिए विदेशी दंपत्ति आगे आ रहे हैं। लखनऊ के प्रागनारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह में स्पेन, बेल्जियम, इटली, कन्नाडा, फ्रांस से आकर दंपत्ति तिरस्कृत की गई भारतीय बेटियों को गोद लेते हैं। बेटों के मुकाबले बेटियां विदेशी दंपत्ति की पहली प्राथमिकता हैं।
राजकीय बालगृह शिशु में पिछले दो सालों में विदेशी दंपत्तियों ने सबसे ज्यादा बेटियों को गोद लिया है। 2018 में नौ और 2019 पांच बच्चों को स्पेन, कन्नाडा, बेल्जियम, फ्रांस से विदेश दंपत्तियों ने अपनाया है। बालगृह शिशु की सोशल वर्कर आसिया रजा ने बताया कि 2018 में आठ लड़कियों और एक लड़के व 2019 में तीन लड़कियों और दो लड़कों को गोद लिया गया। अब सितम्बर में स्पेन और इटली के दंपत्ति दो बच्चों को गोद लेंगे। विदेश से आए दंपत्तियों की प्राथमिकता बेटों से ज्यादा बेटियां होती हैं।
सात सालों में बढ़ा बेटियों का तिरस्कार

चाइल्डलाइन को 2013-2019 तक 70 शिशु मिले जिसमें से 20 लड़के और 50 लड़किया हैं। हर साल लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा रही।

साल लड़के लड़कियों
2013 03 10
2014 06 10
2015 03 06
2016 02 10
2017 03 05
2018 01 02
2019 02 07
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