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बड़ बोले नेता फिर से चुनाव मैदान में, योगी ने की चार रैलियां

locationलखनऊPublished: Apr 19, 2019 02:51:46 pm

Submitted by:

Anil Ankur

जुबान पर लगाम आखिर कब तक

disputed speakers once again gone for meetings, yogi also starts

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लखनऊ। इस चुनाव में बड़बोलों की कमी नहीं है। तमाम नेता ऐसे हैं कि वे जब भी बोले, विवादित ही बोले। तमाम नेताओं के बड़बोले पर निर्वाचन आयोग की चुप्पी ने कई बार अपने आपको संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया। नेताओं ने ऐसे ऐसे बोल बोले कि बिना हथियार के वार के ही अगला घायल हो जाए। हालत यह हो गई कि कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि आयोग कार्रवाई करे। तब कहीं यूपी क सीएम और पूर्व सीएम समेत दो मंत्रियों के बोलने का प्रतिबन्ध लगाया गया। अब इन सबके बोलेने का प्रतिबन्ध खत्म हो गया है। देखना है कि हमारे इन बड़ बोले नेताओं की वाणी कब तक नियंत्रित रहती है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतिबन्ध खत्म होते ही शुक्रवार को ताबड़तोड़ चार रैलियां कर डालीं।
गुड्डू पंडित की ऐसी भाषा जिसे लिखा भी नहीं जा सकता
फतेहपुर सीकरी से सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार गुड्डू पण्डित ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व वहीं के प्रत्याशी राजबब्बर के लिए ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जो लिखी नहीं जा सकती। उसके बाद वे बोले दौड़ा कर मारूंगा। वहीं रालोद प्रत्याशी जयंत चौधरी ने तो भरे मंच से बिना नाम लिए भाजपा को ‘जूता पार्टी’ कह डाला।
राजनीति में सन्यासी साक्षी ने पाप का दिया श्राप
उन्नाव से सन्यासी वेश में भाजपा प्रत्याशी साक्षी महाराज ने कह दिया कि संन्यासी को वोट नहीं दिया तो पाप लगेगा। यूपी के कबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी व बदायूं में भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्या ने कहा कि कोई गुंडागर्दी करेगा तो मैं गुंडी बन जाऊंगी। भाजपा नेता उमा भारती ने प्रियंका को चोर की पत्नी तक कह दिया।
आजम तो हमेशा विवादित बोलते रहे
रामपुर के चुनाव में सपा के आजम खां हमेशा अपने बयानों को लेकर घिरते रहे हैं। कभी भारत माता को डायन कह कर तो कभी महिलाओं के अंदर के वस्त्र पर टिप्पणी करके। मौजूदा समय में आजम और भाजपा की जयाप्रदा के बीच फिर बेतुकी वाणी वार चल रहा है। पुराना इतिहास देखें तो पता चलता है कि 2009 से शुरू हुआ यह सिलसिला दस सालों बाद भी जारी है। आजम खां जहां जयाप्रदा पर शर्मनाक टिप्प्णी के चलते न सिर्फ चुनाव आयोग से सजा पा चुके हैं बल्कि महिला आयोग ने भी उन्हें घेर लिया।
सही मायने में देखा जाए तो पता चलेगा कि जब जब चुनाव आते हैं तो नेता ऐसे बयान देकर सुर्खियां बटोरते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी इसी प्रकार की भाषणबाजी हुई थी। भाजपा ने श्मशान बनाम कब्रिस्तान का मुद्दा उछाला। इस बार चुनाव आयोग ने मौजूदा सीएम योगी और पूर्व सीएम मायावती समेत आजम खां व अन्य के प्रचार पर समयबद्ध रोक लगाई थी। अब सबकी समय सीमा समाप्त हो गई है, अब देखने की बात यह है कि वे कितने दिन तक सयमित भाषा बोल सकते हैं।

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