पत्र के अनुसार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों के आगमन को ध्यान में रखते हुए कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्थापित क्वेरेंटाइन सेंटर पर आने वाले लोगों को जिले में तैनात मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल व परिवार नियोजन परामर्शदाता द्वारा परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी जाए। क्वेरेंटाइन अवधि पूरी हो जाने के बाद आवश्यकता के अनुसार उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों जैसे कंडोम व गर्भनिरोधक गोलियों में से किसी भी साधन का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
परिवार नियोजन की सेवाओं को प्रदान करने से पहले कोरोना संक्रमण के सावधानी एवं प्रोटोकॉल को फ़ॉलो करते हुए सेवाएँ देनी शुरू की जाएँ। इससे पहले प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सूबे में परिवार नियोजन सेवाओं के पुनः संचालन के निर्देश दिए थे। जिसमें कहा गया था कि परिवार नियोजन सेवाओं की एफडीओएस (फिक्स डे आउटरीच सर्विसेस ) के माध्यम से प्रदान की जाने वाली महिला एवं पुरुष नसबंदी को छोड़कर सभी अन्य विधियाँ सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करते हुए पहले की भाँति संचालित की जाएँ।