scriptअब इस सेंसर लगे ट्रैक पर अगर गाड़ी चलाने में की जरा भी गलती, तो आपका डीएल हो जाएगा कैंसिल, बड़ा बदलाव | DL application cancelled after computer exam on sensor track | Patrika News

अब इस सेंसर लगे ट्रैक पर अगर गाड़ी चलाने में की जरा भी गलती, तो आपका डीएल हो जाएगा कैंसिल, बड़ा बदलाव

locationलखनऊPublished: Feb 04, 2021 11:33:20 am

(Driving License DL) सेंसर लगे ट्रैक पर गाड़ी चलाने के बाद आपका ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा या नहीं, इसका फैसला इंसान नहीं बल्कि कंप्यूटर करेगा।

बड़ा बदलाव, अब इस सेंसर लगे ट्रैक पर अगर गाड़ी चलाने में की जरा भी गलती, तो आपका डीएल हो जाएगा कैंसिल

बड़ा बदलाव, अब इस सेंसर लगे ट्रैक पर अगर गाड़ी चलाने में की जरा भी गलती, तो आपका डीएल हो जाएगा कैंसिल

लखनऊ. (Driving License DL) बिना अपना वाहन चलाए ड्राइविंग लाइसेंस का एग्जाम पास करना अब आपके लिए आसान नहीं होने वाला। क्योंकि बहुत जल्दी ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को सेंसर लगे ट्रैक पर अपना वाहन चलाकर दिखाना ही पड़ेगा। खास बात ये है कि सेंसर लगे ट्रैक पर गाड़ी चलाने के बाद आप ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षा में पास होते हैं या फेल, इसका फैसला कोई इंसान नहीं बल्कि कंप्यूटर करेगा। दरअसल प्रदेश में कई जिलों से लगातार अभ्यर्थियों से वाहन चलवाकर नहीं दिखाने की शिकायत परिवहन आयुक्त धीरज साहू के पास आ रही थी। इसपर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि परीक्षा के साथ अभ्यर्थियों से कार और बाइक चलवाकर भी देखा जाए। जिसके बाद वाराणसी के करौंदी में एक हाईटेक इंस्टीट्यूट बनकर लगभग तैयार भी गया है। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि जल्द ही यह व्यवस्था प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लागू की जाएगी।
सेंसर लगा ट्रैक डीएल कराएगा फेल

उत्तर प्रदेश में पहिवहन विभाग की इस पहल के अंतर्गत शुरुआत कर दी गई है और वाराणसी के करौंदी में परिवहन विभाग का ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लगभग बनकर तैयार हो चुका है। अत्याधुनिक तकनीक वाले इस इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सारे काम होंगे। इस इंस्टीट्यूट में लोगों को वाहन चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आपको बता दें कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बनाये गए ट्रैक पर सेंसर लगे होंगे। सेंसर डिवाइस के माध्यम से सीधा कंप्यूटर से जुड़ा रहेगा। यानी अगर अभ्यर्थी ने वाहन चलाते समय किसी तरह की भी गलती की तो कंप्यूटर उसे फेल कर देगा और उसका डीएल नहीं बन पाएगा। जिसके चलते फेल होने के बाद अभ्यर्थियों को डीएल के लिए दोबारा आवेदन करना होगा। यह ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लगभग पांच एकड़ की जमीन में बनवाया जा रहा है। यहां डीएल से संबंधित सारे काम होंगे। लोगों को वाहनों चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यहां परिवहन विभाग की ओर से ही कार और मोटर साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी।
पूरे प्रदेश में लागू होगी व्यवस्था

दरअसल प्रदेश में कई जिलों से लगातार अभ्यर्थियों से वाहन चलवाकर नहीं दिखाने की शिकायत परिवहन आयुक्त धीरज साहू के पास आ रही थी। इसपर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि परीक्षा के साथ अभ्यर्थियों से कार और बाइक चलवाकर भी देखा जाए। जिसके बाद इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला लिया गया। धीरज साहू के मुताबिक यह इंस्टीट्यूट लगभग बनकर तैयार हो गया है। 80 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। यहां सेंसरयुक्त ट्रैक बनाए गए हैं। अभ्यर्थियों को इसी ट्रैक पर अभ्यर्थियों वाहन चलाना होगा। कंप्यूटर के माध्यम से इसकी निगरानी की जाएगी। जसल्द ही यह व्यवस्था प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लागू की जाएगी।
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