यह भी पढ़ें – बड़ी खबर: उत्तर प्रदेश के सफाई कर्मी बनेंगे क्लर्क, योगी सरकार का बहुत बड़ा धमाका! कोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब में मांगा है कि डीएलएडी डिग्री बीटीसी के समकक्ष है तथा एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यता की श्रेणी में आती है या नहीं। शुभी मिश्रा सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने दिया है।
यह भी पढ़ें – SSC 2017 ने जारी की सभी परीक्षाओं की तिथियां, यहां पढ़िये पूरी जानकारी न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने शुभी मिश्र सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अधिवक्ता सुधीर सिंह चंद्रोल की दलील को सुनकर दिया। याचिका में कहा गया है कि यूपी टीईटी 2017 के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं, लेकिन उसमें जिन डिग्रियों का विकल्प दिया गया है उनमें डीएलएड नहीं है, जबकि डीएलएड बीटीसी के समकक्ष डिग्री है और एनसीटीई ने भी इसे मान्यता दी है। कोर्ट ने दलील स्वीकार करते परीक्षा नियामक प्राधिकारी को निर्देश दिया है कि याचीगण का आवेदन स्वीकार किया जाए।
यह भी पढ़ें – Sarkari Naukri : नगर पालिकाओं में भर्ती की कोशिश शुरू, यहां पढ़िये पूरी जानकारी कोर्ट ने प्रदेश सरकार से मामले में जवाब भी मांगा है साथ ही कहा है कि डीएलएड (DLED) अभ्यर्थियों को टेट में शामिल किया जाए मगर उनका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। याचिका की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।