नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने जब पीएम स्वनिधि योजना में डिफाल्टर बैंकों की सूची सौंपी, तो पता चला कि बैंकों की खराब कार्यशैली के चलते लखनऊ इस योजना में 65वें स्थान पर है। लखनऊ को 73103 लाभाॢथयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। जिसमें से 39508 प्रार्थना पत्र पीएम स्वनिधि के पोर्टल पर अपलोड हैं, जबकि बैंकों ने मात्र 23390 प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर 20460 ऋण ही वितरित किए हैं। यह अब तक कुल प्राप्त लक्ष्य का लगभग 29 प्रतिशत ही है। इस पर बैठक में मौजूद बैंकों के प्रतिनिधियों को डीएम ने फटकार लगाई।
सभी बैकों को दिए गए यह निर्देश
डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि पोर्टल पर उपलब्ध प्रार्थना पत्रों पर यदि बैंकर्स द्वारा तीन दिन के अंदर स्वीकृत करते हुए वितरण नहीं किया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छह बैंकों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे, जिस पर डीएम ने उनके प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नगर पंचायतों में बीकेटी को छोड़कर अन्य नगर पंचायतों की स्थिति अच्छी नहीं है। अधिशाषी अधिकारियों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष प्रार्थना पत्रों को भी कम संख्या में अपलोड किया गया है। यही स्थिति नगर निगम की भी है। प्रार्थना पत्रों की संख्या प्राप्त लक्ष्य का दो गुना करने के निर्देश नगर आयुक्त नगर निगम लखनऊ, समस्त जोनल अधिकारियों एवं अधिशाषी अधिकारियों को दिए गए। अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक को प्रतिदिन योजना की समीक्षा करने के निर्देश दिए।