– देशभर में डॉक्टरों ने की हड़ताल
– जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट पर डॉक्टरों ने की हड़ताल
– लखनऊ, दिल्ली, बनारस में ओपीडी सेवाएं ठप
– इलाज न मिलने से मरीज बेहाल
लखनऊ. कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के साथ मारपीट के बाद पूरे देश के डॉक्टरों में गुस्सा है। डॉक्टर्स पर हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने एक दिवसीयस सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की। सोमवार को देशभर से बड़ी तादाद में सुबह से ही डॉक्टरों ने देशव्यापी हड़ताल (Doctors Strike) कर सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की। देशभर में कई राज्यों में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। अकेले लखनऊ में ही 10 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस दौरान सभी चिकित्सीय सेवाएं ठप रहीं, जिससे कि स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा। हालांकि, इमरजेेंसी और ट्रामा के मरीजों के लिए अस्पताल की सुविधाएं खुली रहीं, लेकिन अन्य मामलों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ओपीडी में बंद रहा ताला आईएमए की लखनऊ ब्रांच ने सभी नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर व डायग्नोस्टिक सेंटर बंद किया गया। आईएमए के लखनऊ ब्रांच के अध्यक्ष डॉ. जीपी सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं होगा। पीजीआई और लोहिया संस्थान में सेवाएं ठप रहीं। रेजीडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं गए और न ही वार्ड पर गए। इस कारण यहां अफरा तफरी मची रही। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (King George Medical University) में ओपीडी कमरों पर ताला लगा रहा। कुछ कमरों में सीनियर डॉक्टर पहुंचे। उन्होंने पर्चा बनाना शुरू किया ही था कि रेजीडेंट डॉक्टरों ने हंगामा करना शुरू कर पर्चा काउंटर भी बंद करवा दिया। ओपीडी खुलवाने के लिए कुलपति एमएलबी भट्ट के साथ प्रॉक्टर और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिम्मेदार अधिकारी लाव लश्कर लेकर पहुंचे। उन्होंने ओपीडी शुरू कराने की कोशिश की लेकिन रेजीडेंट डॉक्टरों की टीम ने ओपीडी गेट पर ताला लगवा दिया। वहीं ट्रामा सेंटर इमरजेंसी में भी देर रात से ही बिस्तर फुल रहे। सुबह आने वाले मरीजों को स्ट्रेचर पर लेजाकर इलाज शुरू किया गया लेकिन मरीजों की संख्या के आगे स्ट्रेचर भी कम पड़ गए। सभी मरीजों को बलरामपुर अस्पताल रेफर किया गया। वहां के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं थे।
केजीएमयू रेंजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हड़ताल की सूचना पहले ही कुलपति व प्रॉक्टर समेत दूसरे अधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से भेजी गई थी। उसमें यह भी बताया गया था कि रेजिडेंट ओपीडी में काम नहीं करेंगे।
मरीजों को परेशानी नर्सिंग होम एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अनूप अग्रवाल के मुताबिक करीब 256 अस्पताल पंजीकृत हैं। इन अस्पतालों में रोजाना हजारों मरीजों की ओपीडी होती है। ओपीडी का संचालन न होने से 300 से ज्यादा ऑपरेशन बाधित होने के आसार हैं।
बनारस, दिल्ली में भी हड़ताल पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर चल रहे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के देशव्यापी हड़ताल का असर बनारस, दिल्ली, भुवनेश्वर और राजस्थान में भी दिखा। वाराणसी के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल बीएचयू के डॉक्टर्स ने हड़ताल की। वहीं आईएमए बनारस शाखा के पदाधिकारी और सदस्य भी सुबह से ही हड़ताल पर रहे। इससे पहले शनिवार को आईएमए सदस्यों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं दिल्ली के भी बड़े अस्पतालों सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया में भी ओपीडी सेवाएं बंद रहीं।
यह है मामला कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत हो जाने पर उसके परिजनों ने 10 जून को जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया। डॉक्टरों पर हमले के बाद आईएमए ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की। इस वजह से सोमवार को डॉक्टरों ने देश में जगह-जगह प्रदर्शन किया।
ये भी पढ़ें:चिकित्सीय सेवाएं ठप, डॉक्टरों ने की अपनी सुरक्षा की मांग, काली पट्टी बांध कर किया कार्ययह है मामला कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत हो जाने पर उसके परिजनों ने 10 जून को जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया। डॉक्टरों पर हमले के बाद आईएमए ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की। इस वजह से सोमवार को डॉक्टरों ने देश में जगह-जगह प्रदर्शन किया।