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पीपीई किट अधोमानक, डॉक्टरों के इस्तेमाल पर रोक

locationलखनऊPublished: Apr 17, 2020 03:38:53 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

-मेरठ,नोएडा समेत कई मेडिकल कालेज के प्रार्चायों ने उठाए सवाल-जांच में सही न पाए जाने पर मेडिकल डायरेक्टर ने लगाया प्रतिबंध-कोरोना ड्यूटी से संतुष्ट नहीं हैं नर्स, कार्य बहिष्कार की चेतावनी

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पत्रिका डेटा डिकोड

लखनऊ. यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की दवा के बाद अब पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विप्मेंट (पीपीई किट) सवालों के घेरे में है। यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन पर गुणवत्ता व मानक के विपरीत पीपीई किट मेडिकल कॉलेजों में सप्लाई का आरोप है। नोएडा के मेडिकल इंस्टीटयूट के निदेशक और मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसकी शिकायत चिकित्सा महानिदेशक से की। इसके बाद महानिदेशक केके गुप्ता ने किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। उधर, वाराणसी समेत कई अन्य मेडिकल कालेजों और अस्पतालों में कार्यरत नर्सों की शिकायत है कि उनसे वे कार्य लिए जा रहे हैं जिसमें वह प्रशिक्षित नहीं हैं।
कोरोना वायरस (Covid-19) की जांच और इलाज में जुटे डॉक्टर और कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य है। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में पीपीई किट की आपूर्ति यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन करता है। पता चला है कि कॉरपोरेशन ने जो पीपीई किट सप्लाई की वह मानक के अनुरूप नहीं हैं। इसलिए विभिन्न संस्थानों ने इसके इस्तेमाल से इंकार कर दिया। इसके चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों को पत्र लिख कारपोरेशन द्वारा भेजी किट के उपयोग पर रोक लगा दी है। महानिदेशक केके गुप्ता ने कहा है कि अब जो भी किट आएगी वह भारत सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से मंगवाई जाएगी। घटिया किट आने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा और प्रबंध निदेश उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को पत्र भेजकर संबंधितों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है।
क्या कमी पायी गयी किट में

मेडिकल कॉलेजों को सप्लाई की गयी पीपीई किट की लेंथ मानक के अनुरूप नहीं है। यह साढ़े चार या पौने पांच फीट की है, जबकि औसतन एक व्यक्ति की लंबाई इससे ज्यादा है। ऐसे में इनके इस्तेमाल पर सवाल उठाए गए हैं।
यहां लगाई गई रोक

केजीएमयू, एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान, सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान, नोएडा जीआईएमसी, एसएससीएच संस्थान, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, मेरठ झांसी, गोरखपुर, कन्नौज, जालौन, बांदा, बंदायू, सहारपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और अयोध्या मेडिकल कॉलेज।
किट की क्वालिटी पर जिम्मेदारों का जवाब

यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की एमडी श्रुति सिंह का कहना है कि किट की क्वालिटी घटिया नहीं है। उनके साइज़ को लेकर कुछ समस्या आई है। यह किट्स कोविड 19 को लेकर जारी भारत सरकार की गाइड लाइन्स के पहले की हैं।
क्या है पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट

पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, प्रोटेक्टिव गियर्स हैं, जिन्हें कोरोनावायरस पीडि़तों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्स आदि को सुरक्षित रखने के लिए पहना जाता है। इन गियर्स को पहनने से डॉक्टर्स कीटाणु के संपर्क में आने से खुद को अधिक से अधिक बचा पाते हैं। पीपीई किट में चश्मे, फेस शील्ड, मास्क, ग्लव्स, गाउन, हेड कवर और शू कवर शामिल हैं।
कार्य बहिष्कार को मजबूर नर्सिंग स्टॉफ

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ ने कोरोना से जुड़े जांच कार्यों में ड्यूटी लगाने पर कार्य बहिष्कार कर दिया। बीएचयू प्रशासन पर आरोप है कि कोरोना वायरस के लिए सैंपल टेस्टिंग का काम उनसे लिया जा रहा है। जबकि ये उनका काम नहीं है। नर्सों का कहना है कि कोरोना से जुड़े सैम्पल केवल ट्रेंड फिजिशियन, एसआर, जेआर ले सकते हैं। नाक-कान-गला वाले इसका परीक्षण कर सकते हैं। उन्हें इसकी ट्रेनिंग नहीं मिली है। फिर भी सैम्पल और टेस्टिंग का दबाव बनाया जा रहा है।

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