मुख्यमंत्री जी कानपुर में डॉन इन बैक, मर्डर और हफ्ता वसूली पर डरा शहर
लखनऊPublished: Sep 14, 2017 07:11:34 pm
सभी मामलों पर पुलिस एफआईआर के बाद कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला रफा-दफा करने में व्यस्थ रहती है।
विनोद निगम
कानपुर। पिछली सपा सरकार में अपराध और अपराधियों के चलते आमशहरी खौफजदा था। इसी के चलते 2017 के चुनाव में सत्ता बदल दी और सूबे मे कमल खिला दिया। लेकिन छह माह की योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान पुलिस बैकफुट पर रही, वहीं क्रिमिनल फ्रंटफुट पर रहकर मर्डर, रेप, छेड़छाड़, लूट, डकैती, हफ्ता वसूली के साथ ही अपहरण की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चकेरी में एक मुखबिर की सूबे के कैबिनेट मंत्री के आवास के सामने पुलिस के मुखबिर की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई, तो वहीं नौबस्ता में दिनदहाड़े बदमाशों ने छात्रा को बंधक बनाकर लूट की घटना कर मौके से निकल गए। वहीं गुरूवार को पॉश इलाके में दबंगों ने रंगदारी नहीं देने पर एक मेडिकल स्टोर संचालक की बेहरमी से पिटाई कर दी। सभी मामलों पर पुलिस एफआईआर के बाद कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला रफा-दफा करने में व्यस्थ रहती है।
रंगदारी देने से किया इंकार, तो तोड़ दिए दोनों हाथ
कानपुर के जीटी रोड पर विनय गौतम का साईं मेडिकल स्टोर है। क्षेत्र के दबंग गुंडे अक्सर उससे रंगदारी की मांग करते थे, लेकिन जब यह सिलसिला नही ंथमा तो दुकानदार विनय ने हफ्ता देना बंद कर दिया। इससे गुस्साए अपराधियों ने उसकी दुकान में धावा बोल दिया और हॉकी, डंडों से जमकर पीटा। विनय के भाई अजय का कहना है की क्षेत्र के दबंग दीपू यादव जानू, राहुल ने दूकान में घुसकर मारपीट की जिससे विनय के दोनों हाथ टूट गये। विनय को गंभीर हालत में हैलट में भर्ती कराया गया है। अजय ने बताया कि दीपू यादव का क्षेत्र में अच्छा खासा रसूख है और पुलिस भी इस पर हाथ धरने से डरती है। वो यहां की सभी दुकानों से हफ्ता वूसली करता है। जिसने देने से इंकार किया तो वो उसे जान-माल की धमकी देता है।
प्रतिबंधित बोर के हथियार गैंगस्टर्स के पास
चकेरी थानाक्षेत्र के लालबंगला के पास बदमाशों ने पुलिस के मुखबिर की दिनदहाड़े गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। अपराधी मर्डर करने के बाद मौके से फरार हो गए। तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। मृतक बृजेश पाल पुलिस के लिए काम करता था और इसी के चलते उसके कई जानी दुश्मन बन गए थे। जानकारों की माने तो पांच साल के बाद शहर में गैंग फिर से सक्रिय हो गए हैं। गैंगेस्टर्स के पास अब प्रतिबंधित बोर के हथियार पहुंच चुके हैं। बीते दिनों चमनगंज में हिस्ट्रीशीटर गुलाम नबी के कत्ल में इनका प्रयोग हुआ। उसके बाद लालबंगला बाजार में भी दहशत फैलाने के लिए बदमाशों के पिस्टल से फायरिंग करने की बात सामने आई है। तमंचे, बम चलाने वाले इन बदमाशों के पास इस तरह के हथियार होना पुलिस के लिए खतरे की घंटी है।
शूटर्स की नई पौध खड़ी, मुंगेर की पिस्टल से धड़कने बढ़ी
कानपुर के अंडरवर्ल्ड में पहले ज्यादातर अपराधी सिटी के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले थानों के ही थे। इन गैंगों में चरस, अफीम की बिक्री से लेकर रंगदारी, किडनैपिंग का धंधा होता था। इन गैंग्स के अपने शूटर्स होते थे। लेकिन मौजूदा दौर में कल्याणपुर, पनकी, चकेरी, बर्रा, नौबस्ता जैसे थानों में भी कई गैंग ऑपरेट हो रहे हैं। इनमें से कई के पास दो से तीन शूटर्स भी हैं। आमतौर पर ये चेन स्नैचिंग, पर्स लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। राजाबाबू गैंग की ही बात करें तो इस गैंग में 20 से 25 एक्टिव बदमाश हैं शामिल हैं। वहीं बिहार के मुंगेर से पहले इस तरह के हथियार काफी आते थे। फिर कानपुर की ही एसटीएफ यूनिट ने आगरा के पास एक असलहा फैक्ट्री बीते साल पकड़ी जहां से बड़ी मात्रा में देसी पिस्टलें बरामद की गई थी। वहीं बीते दिनों सिटी में असलहों की अवैध बिक्री में मुंगेर और सिटी के आर्म्स डीलर के बीच हुए खेल के बाद यह बात और पुख्ता हो गई है कि मुंगेर की अवैध असलहा इंडस्ट्री ने सिटी में गहरी पैठ बना ली है।