scriptअखिलेश यादव ने अपने मंच से आंबेडकर को भू-माफिया कहवायाः डॉ. निर्मल | Dr. Nirmal says Akhilesh Yadav apologizes Babasaheb birth anniversary | Patrika News
लखनऊ

अखिलेश यादव ने अपने मंच से आंबेडकर को भू-माफिया कहवायाः डॉ. निर्मल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी ने दिया आंबेडकर को वैश्विक सम्मान

लखनऊApr 09, 2021 / 08:53 pm

Ritesh Singh

अखिलेश यादव ने अपने मंच से आंबेडकर को भू-माफिया कहवायाः डॉ. निर्मल

अखिलेश यादव ने अपने मंच से आंबेडकर को भू-माफिया कहवायाः डॉ. निर्मल

लखनऊ , समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मुगल मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वह भारत रत्न और संविधान लिखने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का भी अब अपमान कर रहे हैं। मुगल जिस तरह से दलितों को हीन भावना से देखते थे। उसी तरह सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव आज भी दलितों को देखते हैं। वह आंबेडकर जयंती पर दलित दीवाली मनाने जा रहे हैं। यह आंबेडकर के प्रति अखिलेश यादव का नजरिया है। डॉ. आंबेडकर को वह दलितों तक ही सीमित करने की चाल चल रहे हैं। ये बातें अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का भारत में ही नहीं पूरे विश्व में सम्मान होता हैं। डॉक्टर आंबेडकर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने विश्व का नंबर वन स्कॉलर घोषित किया था। आंबेडकर पूरे विश्व में अपनी किताबों और डिग्रियों के लिए भी जाने जाते हैं। आंबेडकर को आधुनिक भारत के सबसे ओजस्वी लेखकों में गिना जाता है। विश्व के लगभग हर देश में उनके प्रशंसक हैं। उनका सम्मान हर समाज का हर व्यक्ति करता है। यही वजह है कि कनाडा ने बाबा साहेब की जयंती को डॉ. बीआर आंबेडकर इक्विलिटी डे यानी समानता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। बाबा साहेब भारत के सबसे प्रसिद्ध महापुरुषों में एक हैं। ऐसे महापुरुष के जन्मदिन को अखिलेश यादव दलित दीवाली बता रहे हैं। यह अखिलेश यादव की वैचारिक कमजोरी है।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि अखिलेश यादव दलितों का हमेशा विरोध करते रहे हैं। 5 वर्ष की सरकार में आंबेडकर को लेकर उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनते ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का चित्र सभी सरकारी कार्यालयों में लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। सभी सरकारी अभिलेखों में बाबा साहेब भीमराव डॉ. आंबेडकर का पूरा नाम लिखे जाने का एतिहासिक फैसला हुआ। दलितों की जमीनों पर से कब्जे हटवाए गए। जबकि अखिलेश यादव ने दबंगों को दलितों की जमीनों को हड़पने का लाइसेंस दे दिया था।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि लंदन स्थित किंग्स हेनरी रोड का डॉ. आंबेडकर का बंगला जब नीलाम हो रहा था, तो कोई अखिलेश यादव बचाने के लिए नहीं आए थे। सभी राजनीतिक दलों ने बाबा साहेब के बंगले से मुंह मोड़ लिया था। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बने, तो उन्होंने इसके लिए कदम उठाया। उस बंगले को नीलाम होने से बचाया गया। यहीं नहीं बाबा साहेब को वैश्विक सम्मान देते हुए आंबेडकर से जुड़े पंच तीर्थों, जैसे जन्मस्थली- महू, शिक्षा भूमि- लंदन, दीक्षा भूमि- नागपुर, परिनिर्वाण भूमि-26 अलीपुर रोड नई दिल्ली, चैत्य भूमि- मुंबई तथा डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र- 15 जनपथ दिल्ली को विकसित किया गया। बाबा साहेब द्वारा किए गए राष्ट्र निर्माण के कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने समय-समय पर अनेकों बार राष्ट्र के सामने रखा भी है। अखिलेश यादव उस समय मुख्यमंत्री थे, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया, बल्कि वह दलितों को खिलाफ जमीन का कानून बनाने में ही जुटे रहे।
समाजवादी पार्टी की सरकार में ही बाबा साहेब को उस मंच पर से भू माफिया कहा गया, जिस मंच पर खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठे थे और मुस्कुरा रहे थे। बाबा साहेब के नाम से बने आलमबाग के बस टर्मिनल का नाम तक अखिलेश यादव की सरकार में बदल दिया गया। आंबेडकर के नाम पर दलित राजनीति करने वाले अखिलेश यादव ने एक भी दलित को यशभारती पुरस्कार तक नहीं दिया। अखिलेश यादव को आंबेडकर जयंती पर देश के प्रदेश के दलितों से अपने गलत कार्यों के लिए और गलत निर्णय के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्हें पश्चाताप करना चाहिए।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x80i9dy
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो