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भाजपा के आदर्श हैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, यूपी से भी रहा उनका बेहद खास नाता

locationलखनऊPublished: Jul 06, 2020 09:05:09 am

Dr Shyama Prasad Mukherjee Birthday : राजधानी लखनऊ में उनके नाम से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल संचालित है, जहां उनकी प्रतिमा भी लगी है।

भाजपा के आदर्श हैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, यूपी से भी रहा उनका बेहद खास नाता

भाजपा के आदर्श हैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, यूपी से भी रहा उनका बेहद खास नाता

लखनऊ. Dr Shyama Prasad Mukherjee Birthday : शिक्षाविद, बैरिस्टर, भारतीय राजनेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में हुआ था। वह भारत के पहले इंडस्ट्री और सप्लाई मंत्री बने थे। इन्होंने अंग्रेजी से ग्रेजुएशन और बंगाली में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 1924 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील भी रहे। मुखर्जी अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। इसके चलते नेहरू की कैबिनट से इस्तीफा देने के बाद 1951 में उन्होंने जनसंघ की स्थापना की थी। 23 जून, 1953 को जम्मू-कश्मीर की जेल में उनकी मृत्यु हो गई थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी का यूपी से हमेशा एक खास नाता रहा। वह अपने राजनीतिक जीवन में कई बार उत्तर प्रदेश आए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपने राजनीतिक जीवन में मुखर्जी की ही मुहिम को आगे बढ़ाया। राजधानी लखनऊ में उनके नाम से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल संचालित है, जहां उनकी प्रतिमा भी लगी है। केंद्र और प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपना आदर्श मानती है।
आइये जानते हैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जुड़ी 10 खास बातें

1- श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ 33 साल की उम्र में कलकत्ता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने थे।

2- मुखर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1929 में बंगाली लेजिस्लेटिव काउंसिल में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर कलकत्ता यूनिवर्सिटी को रिप्रेजेंट करके की।
3- 1946 में इन्होंने बंगाल विभाजन का समर्थन किया।

4- पाकिस्तानी प्रधानमंत्री लियाकत अली खां को नेहरू ने भारत आने का न्योता दिया तो उन्होंने 6 अप्रैल 1950 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
5- 21 अक्टूबर को उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की। मुखर्जी इसके पहले अध्यक्ष बने।

6- कश्मीर को विशेष दर्जा देने और अलग झंडा रखने का मुखर्जी ने विरोध किया।

7- कश्मीर को लेकर इन्होंने नारा दिया था ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’।
8- मुखर्जी के पद चिह्नों पर चलते हुए अब बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 को संसद में संशोधन करके निष्प्रभावी बना दिया है।

9- मुखर्जी को 1953 में गैरकानूनी तौर पर कश्मीर में घुसने के प्रयास के कारण 11 मई को गिरफ्तार किया गया।
10- 23 जून 1953 को पुलिस कस्टडी में ही इनकी मौत हो गई। इनकी मौत कैसे हुई, इसको लेकर आज भी अलग-अलग मत हैं।

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