वैज्ञानिकों ने कहा निपाह का कोई संकेत नहीं
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश से कच्चे आमों का निर्यात होता है जिसे निपाह के जनक चमगादड़ कतई नहीं खाते। वैसे भी पूरी तरह से ट्रीटेड अौर साफ- सुथरे आमों का ही निर्यात होता है। जानकार बताते हैं कि प्रतिबंध की सूचना के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी कृषि एंव प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण की अोर से सम्बंधित देशों से संपर्क किया जा रहा है।
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश से कच्चे आमों का निर्यात होता है जिसे निपाह के जनक चमगादड़ कतई नहीं खाते। वैसे भी पूरी तरह से ट्रीटेड अौर साफ- सुथरे आमों का ही निर्यात होता है। जानकार बताते हैं कि प्रतिबंध की सूचना के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी कृषि एंव प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण की अोर से सम्बंधित देशों से संपर्क किया जा रहा है।
इस वायरस से हो जाती है मौत
हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. वेद प्रकाश बताते हैं कि निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमित रोग है, जोकि एक जानवर से फलों और फलों से इंसान में फैल रहा है। मेडिकल टर्म में NiV कहे जाने वाले इस वायरस के कारण लोगों की मौत भी हो चुकी है। इंसानों में निपाह वायरस का इंफेक्शन एंसेफ्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग को नुकसान होता है। 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद यह वायरस 3 से 14 दिन तक तेज बुखार और सिरदर्द की वजह बन सकता है। यदि समय पर उपचार न मिले तो 24-48 घंटों में मरीज कोमा में पहुंच सकते हैं।
खबरों के मुताबिक केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस से कई लोगों की मौत के बाद इसका खौफ पूरे देश में फैल गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट में निपाह विषाणु फैलने में चमगादड़ और ***** के मूल स्रोत होने से इनकार किया गया है। मेडिकल टीम अब निपाह विषाणु फैलने के अन्य संभावित कारणों का पता लगा रही है। WHO के अनुसार यह वायरस निपाह वायरस से इन्फेक्टेड चमगादड़ों के जरिए इंसानों तक पहुंच रहा है।