1- एक्सरसाइज से दूरी
अगर आप रोजाना सुबह 30 मिनट पैदल नहीं चलते हैं और ना ही एक्सरसाइज करते हैं तो यह आपकी बेहद बुरी आदत है। इस दशहरे पर इस बुराई का अंत करने का प्रण ले लीजिए। रोजाना चार-पांच किलोमीटर की जॉगिंग आपको दिनभर चुस्त-दुरुस्त बनाए रखती है।
अगर आप भोजन में नियमित तौर पर हरी सब्जियां, सलाद, दाल और फल नहीं ले रहे हैं तो यह बुरी आदत हैं। अब इसके अंत की जरूरत है। दालों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होती है, वहीं इससे कोलेस्ट्राल भी नियंत्रित होता है।
अगर आप नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप नहीं करवाते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार छोटी-छोटी बीमारी भयंकर रूप ले लेती है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर हेल्थ चेकअप कराया जाये तो बड़ी बीमारियों को पनपने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।
अगर आप रोजाना फास्टफूड लेते हैं तो यह आपके सेहत के लिए हानिकारक है। केग, कुकीज, पिज्जा, फ्राई पोटैटो और आइसक्रीम में पाया जाने वाला ट्रांस और सेचुरेटेड फैट शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है।
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5- गिफ्ट में मिठाई लेना और देना
अगर आप किसी अपने को गिफ्ट में मिठाई दे रहे हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें। किसी को मिठाई देना उसे बीमारी देने से कम नहीं है। इस आदत को तुरंत बदलें और दूसरे को भी प्रेरित करें। मिठाई के बदले आप फल या मेवे उपहार में दे सकते हैं।
अगर आप शराब, सिगरेट और तंबाकू जैसे मादक पदार्थों का सेवन करते हैं तो आज ही इनसे तौबा करें। यह पदार्थ न केवल आपके जान के दुश्मन हैं, बल्कि वातावरण को भी दूषित कर रहे हैं।
इंसानों की प्रकृति से दूरी भी खतरनाक है। कामकाज के बिजी शेड्यूल से थोड़ा वक्त निकालकर खुले आसमान में रहें। घास पर नंगे पैर चलें। धूप का सेवन करें। इससे आप कई बीमारियों से दूर रहेंगे।
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8- सामाजिक कर्तव्यों से कट जाना
अगर आप अपने निजी जीवन में इतना व्यस्त हो गये हैं कि समाजिक कर्तव्यों से कट गये हैं। या फिर दिन भर मोबाइल पर लगे रहते हैं तो यह आदतें तुरंत छोड़ दीजिए। नहीं तो आप अवसादग्रस्त जीवन जीने को मजबूर हो जाएंगे।
अगर आप राह चलते यूं ही सड़क पर या किसी सार्वजनिक स्थल पर कूड़ा फैलाते हैं तो यह बुरी आदत है। इससे तुरंत तौबा कर लीजिए। गंदगी से न सिर्फ आपका रहन-सहन प्रभावित होता है, बल्कि बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ जाता है।
अगर आप सिर्फ अपने लिये ही सोचते हैं तो यह गलत आदत है, इसे तुरंत ही बदल लें। कहते हैं कि हमें खुशियां तभी मिलती हैं, जब हम दूसरों को खुश रखते हैं। ऐसे में इस दशहरे पर दूसरों की मदद करने का प्रण लें।