लखनऊ

2200 कम्प्यूटर हटाएंगे सचिवालय में फाइलों पर जमी धूल

अब न फाइल खोएगी और न ही चलेगा बाबूराज
 

लखनऊNov 04, 2017 / 07:39 pm

Anil Ankur

Now Slaughterhouse will be out of city area- cabinate


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाबूराज खत्म करने के लिए यूपी सरकार ने कागजों में चलने वाली फाइलों के सिस्टम को खत्म करने का फैसला लिया है। इसके तहत सचिवालय में तत्काल 2200 कम्प्यूटरों की खरीद की जा रही है। 800 कम्प्यूटर पहले से ही सचिवालय में हैं। सचिवालय को एडवांस करने के साथ ही यूपी को सबसे आधुनिक ई सचिवालय होने का गौरव भी प्राप्त हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कम्प्यूटर खरीद का काम शुरू कर दिया है। कम्प्यूटर खरीदने के लिए चुनाव आचार संहिता के बारे में आयोग से अनुमति ले ली गई है। सचिवालय प्रशसन के अधिकारी बताते हैं कि आयोग से अनुमति लेने के बाद आगे की कार्यवाही की जा रही है।
केवल 20 सेकेंड में मिलेगी ई-फाइल
पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने ईसचिवालय का उदघाटन भी कर दिया। अब उसके क्रियान्वयन पर काम शुरू हो गया है। हालत यह है कि इससे तमाम विभागों के बाबुओं में खौफ मंडराने लगा है। अब तक पूरे सचिवालय में बाबूराज था। वे जब चाहते थे उसकी फाइल ढूंढ लेते थे और जिसकी नहीं चाहते थे, उसकी फाइल नहीं मिलती थी। पर अब यहां ऐसा नहीं होने वाला है। फाइलों में अक्सर आग लग जाने के मामले भी प्रकाश में आते थे,परंतु अब सचिवालय में ऐसा नहीं होगा। सचिवालय में अब न फाइल खोएगी और न ही आग में जलेगी। एक फाइल को ढूंढने में सिर्फ 20 सेकेंड लगेंगे। प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन महेश गुप्ता का कहना है कि देश में यह सबसे एडवांस सचिवालय होगा। इससे काम में 90 फीसदी तेजी आएगी। समय की बचत होगी और किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को फाइल ढूंढने का इंतजार नहीं करना होगा।
94 विभागों में होना है फुल कम्प्यूटरीकरण
उत्तर प्रदेश सचिवालय में 94 विभागों में ई सचिवालय व्यवस्था लागू की जानी है। शुरूआत करने के लिए सीएम योगी ने पहले चरण में 20 विभागों पर काम शुरू किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया कि 31 दिसम्बर, 2017 तक सचिवालय के शेष विभागों को भी इस व्यवस्था से जोडऩा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने एक जनवरी 2018 से सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों को भी इस प्रणाली के तहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। एक अप्रैल 2018 से जिला मुख्यालयों को भी ई-ऑफिस प्रणाली के तहत काम करना होगा। इसके लिए भी शासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
पुरानी फाइलों को भी कम्प्यूटर में दर्ज करने का काम होगा
ई-ऑफिस प्रणाली से प्रदेश की 22 करोड़ जनता लाभान्वित होगी। राज्य सरकार के इस कदम से पर्यावरण को भी लाभ होगा, क्योंकि प्रत्येक 2 वर्ष में पत्रावलियों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। इसके साथ ही हर दफ्तर में कागजों के उपयोग में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। पर्यावरण के लिहाज से देखा जाए तो 12,500 पेपर शीट तैयार करने के लिए एक बड़े पेड़ को काटना पड़ता है। ई-ऑफिस प्रणाली से पेपर शीट की उपयोगिता काफी हद तक नियंत्रित हो जाएगी।
इन बीस दफ्तरों में होगा इ-आफिस की तर्ज पर काम
पहले चरण में जिन विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है, उनमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग, नागरिक उड्डयन, पर्यावरण, आबकारी, सूचना, भूतत्व एवं खनिजकर्म, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, ग्रामीण अभियन्त्रण, होमगार्ड, आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, संस्कृति, निर्वाचन, मत्स्य, कार्यक्रम क्रियान्वयन, खेलकूद, सार्वजनिक उद्यम, युवा कल्याण, दुग्ध विकास, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा लघु सिंचाई विभाग शामिल हैं। इनके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं मुख्य सचिव कार्यालय में भी यह व्यवस्था लागू की गई है। बचे हुए कार्यालयों में बाद में काम किया जाएगा।
 
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