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SGPGI में इलाज के लिए नहीं लगानी होगी भीड़, ऑनलाइन सिस्टम से ऐसे उठायें लाभ सर्जरी से नहीं पड़ेगा गले पर निशान एसजीपीजीआई में थायराइड कैंसर से पीड़ित मरीजों की सर्जरी की जा रही है। हर महीने करीब 15 से 20 मरीजों की सर्जरी होती है। इसमें इंडोस्कोपी सर्जरी अभी तक ही मरीजों की होती रही है, जिनका कैंसर ग्रस्त इलाका सिर्फ 2 सेंटीमीटर तक है। इससे बड़े कैंसर ग्रस्त इलाके वाले मरीजों की सर्जरी के लिए ओपेन तकनीक अपनाई जाती है। ऐसे में मरीज के गले पर निशान पड़ जाता है, लेकिन अब 4 सेंटीमीटर से बड़े कैंसर वाले मरीजों की भी इंडोस्कोपी सर्जरी एसजीपीजीआई में शुरू हो गई है। यहां के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ज्ञान चंद्र ने 5 मरीजों में यह प्रयोग किया है। इनका कैंसर ग्रस्त इलाका करीब 4 सेंटीमीटर से अधिक था इस तकनीक से की गई सर्जरी में गले पर निशान भी नहीं पड़े और मरीज कुछ दिन बाद ठीक हो गया।सर्जरी के दौरान इंडोस्कोप को जबड़ों के पास से चमड़ी के नीचे से होते हुए कैंसर ग्रस्त अथवा ट्यूमर ग्रस्त इलाके तक ले जाते हैं। वहां आहार नली और श्वास नली को नहीं छुआ जाता है। मसूड़े के पास 1 सेंटीमीटर का चीरा लगा इंडोस्कोप प्रवेश कराया जाता है।