इन्वेस्टर्स के 600 करोड़ रुपये हड़पने के अनी बुलियन केस में IFS निहारिका से ED की लंबी पूछताछ
लखनऊPublished: Oct 17, 2023 11:00:00 am
ED Investigation News: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अनी बुलियन कंपनी फ्रॉड केस में भारतीय विदेश सेवा की IFS अधिकारी निहारिका से लंबी पूछताछ की। ED की ओर से केस की इन्वेस्टिगेशन रफ्तार से चल रही है। इसके लिए बुलियन कारोबारी की पत्नी और IFS अधिकारी की पत्नी को समन किया गया था। सात घंटे से ज्यादा इन्वेस्टिगेशन चली है।


ED Interrogation: अनी बुलियन कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ED ने सोमवार को IFS अधिकारी निहारिका सिंह से सात घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। निहारिका सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ED के लखनऊ स्थिति जोनल ऑफिस पहुंची थीं। वह सुबह 11.30 बजे ED दफ्तर पहुंचीं और शाम पौने सात बजे वहां से बाहर निकलीं। ED ने उन्हें मंगलवार को भी बुलाया है।
निहारिका अली बुलियन कंपनी के मुख्य संचालक अजीत कुमार गुप्ता की पत्नी हैं। वर्तमान में इंडोनेशिया के बाली स्थिति भारतीय दूतावास में तैनात हैं। अनी बुलियन कंपनी पर निवेशकों के 600 करोड़ रुपये से ज्यादा हड़पने का आरोप है।
कंपनी के खिलाफ अयोध्या, सुलतानपुर, लखनऊ, बाराबंकी सहित आसपास के जिलों में 35 मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं को आधार बनाते हुए ईडी ने 8 मार्च 2021 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ED सूत्रों के मुताबिक, निहारिका से अनी बुलियन के खातों से शेल कंपनियों में ट्रांसफर किए गए पैसों को लेकर लंबी पूछताछ की गई। इस रकम से खरीदी गई संपत्ति बारे में भी सवाल किए गए। शाम तक चली पूछताछ के बाद ED ने उन्हें अगले रोज भी अपने दफ्तर में आने को कहा।
चौथे समन पर पहुंचीं अधिकारी
ED ने पहले समन के जरिए निहारिका 10 जुलाई 2023 को पूछताछ के लिए अपने दिल्ली दफ्तर तलब किया था, लेकिन वह अपना बयान दर्ज करवाने नहीं आई थीं। जांच एजेंसी ने फिर दूसरी बार एक अगस्त 2023 को समन भेजा। निहारिका दूसरे समन पर भी नहीं पहुंची, लेकिन, ई-मेल के जरिए उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने मेल में कहा कि काम की व्यस्तता के कारण वह अभी पूछताछ के लिए नहीं आ सकतीं। साथ ही उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने और अगली तारीख पर आने का वादा किया था।
ED ने इसके बाद विदेश मंत्रालय के जरिए निहारिका सिंह को तीसरा समन भेजा, लेकिन वह नहीं पेश हुईं। सितंबर के दूसरे हफ्ते में ED ने निहारिका को चौथा समन जारी किया, जिसे विदेश मंत्रालय के जरिए तामील करवाया गया। इसके बाद वह हाजिर हुईं।