कई जगह की छापेमारी ईडी ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया को विदेशों से हो रही फंडिंग के मामले में लखनऊ और बाराबंकी के साथ प्रदेश में आगरा और शामली में एक साथ छापा मारा। बाराबंकी में कुर्सी थाना क्षेत्र के अगासड़ गांव के राशिद के घर ईडी की टीम ने दबिश दी। इसी थाना के बहरौली के नदीम को लखनऊ पुलिस ने दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया था। नदीम पीएफआई का कोषाध्यक्ष बताया जा रहा है। लखनऊ में भी कैसरबाग और लालबाग क्षेत्र में छापा मारा गया। इनके साथ ही पीएफआई के दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में कुल 26 ठिकानों पर छापेमारी की। दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग मामलों को लेकर सबूत इकट्ठा करने के लिए यह छापेमारी की गई। क्योंकि पीएफआई और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ लगातार इसकी जांच की जा रही है।
पीएफआई की फंडिंग पर शिकंजा आपको बता दें कि पीएफआइ का गठन 2006 में केरल में हुआ था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। ऐसा आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल पीएफआई के सहयोगी संगठनों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों और अन्य स्थानों पर सीएए विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के लिए किया था। ईडी ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भी भेजी थी। दरअसल सीएए तथा एनआरसी के विरोध के दौरान पीएफआई की अतिरिक्त सक्रियता पर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं। इसी दौरान हाथरस कांड के बाद ईडी के निशाने पर उनका फंडिंग नेटवर्क पर आ गया। ईडी ने मथुरा में पुलिस की गिरफ्त में आए पीएफआई से जुड़े चारों लोगों से पूछताछ भी की। यह लोग दिल्ली से हाथरस जाते समय गाड़ियों की चेकिंग के समय पकड़े गए थे।