लखनऊ

पांच साल के सबसे निचले स्तर पर बारिश, मानसून में देरी ने बढ़ाई किसानों की चिंता

– एक जुलाई के बाद सक्रिय होगा मानसून
– कम बारिश से धान की फसल को नुकसान
– पांच साल के सबसे निचले स्तर पर बारिश

लखनऊJun 29, 2019 / 05:28 pm

Karishma Lalwani

पांच साल के सबसे निचले स्तर पर बारिश, मानसून में देरी ने बढ़ाई किसानों की चिंता

लखनऊ. मौसम की बेरुखी ने अब लोगों को सताना शुरू कर दिया है। मई का महीना जहां सूखे में बीत गया, वहीं जून में औसत से कम बारिश ने पूरी तरह से गर्मी से लोगों को निजात नहीं दिलाई। मानसून (Monsoon) में विलंब से लोगों को उमस भरी गर्मी और चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश जगहों पर पारा 40 पार पहुंच गया है। वहीं मानसून में लेटलतीफी ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। बारिश की धमक धीमी होने से किसानों की खेती पर असर पड़ रहा है। समय पर बारिश न होने से धान की रोपनी पर असर पड़ रहा है, जिससे कि कम उत्पादन की चिंता किसानों की परेशानी बनी हुई है। दरअसल, अल नीनो के प्रभाव की वजह से जून महीने में बारिश पांच साल के सबसे निचले स्तर है।
कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

प्री मानसून की बारिश से लोगों को बीच-बीच में गर्मी से राहत मिल जाती है। किसानों को भी खेती और जुताई का मौका मिल जाता है। लेकिन इस बार मानसून की लेटलतीफी के कारण आधा महीना सूखे में निकल गया। कहीं पर हल्कि बारिश हुई, तो कहीं एक बूंद भी बारिश की नहीं गिरी। ऐसे में कई जगहों पर तो जलसंकट की स्थित उत्पन्न हो गई।
 

धान की बुवाई के लिए संकट

पिछली बार के मुकाबले कंपेयर करें, तो इस बार लगभग एक तिहाई ही बारिश हुई। ऐसे में धान की बुवाई के लिए संकट खड़ा हो गया। धान की खएती बारिश पर निर्भर होती है। समय पर बारिश ने होने से किसानों को धान की पौध बर्बाद होने का डर सता रहा है। धान की फसल में पानी की अधिक आवश्यक्ता होती है। ऐसे में बारिश न होने या कम बारिश होने पर किसानों की आधी फसल सिंचाई में चली जाएगी।
 

paddy farming
बंगाल की खाड़ी से उम्मीद

देश में बारिश का मौसम एक जून से 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 फीसदी कमी दर्ज की गई है। देश में मौसम संबंधी 36 उपखंडों में से 25 फीसदी में ‘कम’ वर्षा दर्ज की गयी है जबकि छह उपखंडों में ‘बेहद कम बारिश’ दर्ज की गई है। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक 30 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाओं का रुख यूपी की तरफ होगा। इससे जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून की शुरुआत की संभावना है।
 

summer
बढ़ा गर्मी का प्रकोप

कुछ दिनों की बारिश के बाद उमस बढ़ी। तापमान लगातार चढ़ रहा है। गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को एक जुलाई से खोलने का फरमान जारी किया गया। भयंकर गर्मी और उमस से सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी परेशान हैं। बारिश से कुछ दिनों की राहत के बाद तापमान दोबारा 40 पार चला गया। लखनऊ का न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 41 डिग्री रहा। बांदा का न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहा जबकि अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह सुलतानपुर, अमेठी, बहराइच, इटावा, वाराणसी, प्रयागराज में भी तापमान 40 डिग्री पार रहा।
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