प्रदेश की आठ नदियों को चिन्हित किया जा चुका है सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश की आठ नदियों को चिन्हित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन नदियों में आमी नदी (गोरखपुर) गोमती नदी (लखनऊ), तमसा नदी (अयोध्या), वरूणा नदी (वाराणसी), सई नदी (लखीमपुर), अरिल नदी (बरेली), सोंत नदी (बदांयू) तथा बस्ती की मनोरमा नदी को चिन्हित किया जा चुका है। सिंह ने कहा कि इसी प्रकार से प्रदेश के प्रत्येक जिले से एक-एक नदी को चिन्हित करके उनके विकास एवं पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जायेगा। सिंचाई मंत्री ने बताया कि इस काम में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जनता का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि बरेली में अरिल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान चलाया गया जो कि काफी सफल रहा तथा कई किमी0 तक नदी की गाद एवं जलकुम्भी आदि को साफ करके गहराई को बढ़ाया गया है। इसमें अब बारिस में काफी पानी को रोका जा सकेगा।
पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं को स्नान हेतु पानी उपलब्ध
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि आगामी कुम्भ मेले में (इलाहाबाद) उप्र सरकार पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं को स्नान हेतु पानी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि इसके सम्बंध में उत्तराखण्ड सरकार से भी वार्ता हो चुकी है। उत्तराखण्ड सरकार ने टिहरी डैम से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने का अश्वासन दे चुकी। सिंचाई मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से भी अपने स्तर से सहयोग देने का अनुरोध किया। श्री सिंह ने केन्द्रीय मंत्री से अयोध्या में रबर डैम बनाने के बारे में भी चर्चा की।
धर्मपाल सिंह ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जनपद बरेली के फरीद कोट, बुखारा, रामगंगा, चैपाही, भम्भौरा, रामनगर, शाहाबाद, बिल्लारी होकर मुरादाबाद को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में किसानों को अपनी उपज को बाजार पहुंचाने में मदद मिलेगी तथा भारी संख्या में आम जनता को भी लाभ पहुंचेगा।
कांवड़ यात्रा को लेकर चालकों व परिचालों को दिये निर्देश प्रदेश में 28 जुलाई से प्रारम्भ होकर 9 अगस्त तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री पी0 गुरू प्रसाद ने क्षेत्रीय प्रबन्धकों को निर्देश दिये है कि कांवड़ यात्रा 28 जुलाई को प्रारम्भ होगी तथा 9 अगस्त को जलाभिषेक के पश्चात समाप्त होगी। इस दौरान निगम के सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़ एवं बरेली क्षेत्रों के मार्ग मुख्य रूप से प्रभावित होंगे। कांवड यात्रा के प्रारम्भ में हरिद्वार के लिए तीर्थयात्री अधिक संख्या में यात्रा करेंग,े जिसके लिए हरिद्वार मार्ग पर अतिरिक्त बसों की व्यवस्था सम्बन्धित क्षेत्रों द्वारा की जाय। हरिद्वार से कांवड़ लेकर यात्री विभिन्न स्थानों के लिए पैदल यात्रा भी करेंगे। फलस्वरूप हरिद्वार से प्रारम्भ होने वाले मार्गो पर चरणबद्ध रूप से बसों का संचालन प्रतिबन्धित किया जाय और हरिद्वार जाने वाली तथा हरिद्वार से विभिन्न स्थानों के लिए प्रस्थान करने वाली बसों को वैकल्पिक मार्ग से संचालित किया जाये।
प्रबन्ध निदेशक ने निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय मुख्यालय पर बस संचालन को नियन्त्रित करने के लिए कन्ट्रोल रूम 24 घण्टे संचालित किये जायेे। निगम के महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष रूप से डायवर्जन प्वाइन्ट पर चेकिंग स्क्वायड की तैनाती की जाये। स्क्वायड द्वारा चालकों व परिचालकों को कांवड़ यात्रा के दौरान पैदल चलने वाले कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से बस संचालन धीमी गति से करने हेतु चालकों को सचेत किया जाये तथा यात्रियों से अच्छा व्यवहार भी किया जाये।