राजधानी के रायबरेली रोड निवासी पवन कुमार ने बताया कि उसके बेटे कि भले ही औपचारिक स्कूली शिक्षा नहीं हुई है, लेकिन 10वीं की परीक्षा के लिए वह पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए उसने घर पर रहकर ही पढ़ाई की है। श्रीकृष्ण के पिता पवन ने बताया कि वह अगले बोर्ड एग्जाम में बेटे को 10वीं की परीक्षा दिलाना चाहते हैं, क्योंकि इस बार अनुमति के बावजूद शामिल कराना कठिन होगा। पवन का कहना है कि श्रीकृष्ण को परखने वाले विशेषज्ञों के सुझाव के बाद ही उन्होंने बोर्ड को पत्र लिखा है।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम आयुसीमा 14 वर्ष निर्धारित है, जबकि श्रीकृष्ण की जन्मतिथि अक्टूबर 2010 ही है, मतलब वह अभी 8 वर्ष का ही है। यहां आपको बता दें कि इससे पहले भी दो बार बोर्ड की अनुमति के बाद सुषमा वर्मा (08 वर्ष) और नैना जायसवाल (07 वर्ष) बोर्ड एग्जाम में शामिल किया जा चुका है। फिलहाल, यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि शासन से जो भी निर्देश होगा, उसके मुताबिक कार्रवाई होगी।