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बड़ी खबर : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से निकले लाखों रुपये, मुकदमा दर्ज बताया जा रहा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य करीब साढ़े तीन माह चलेगा। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में बूथ लेबल अधिकारी घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों में 18 साल से अधिक उम्र वालों का सत्यापन करेंगे। इसके अलावा अधिकारी 2015 से अब तक मृत या अन्य प्रदेशों में गए मतदाताओं के नाम भी हटाएंगे। इसके साथ ही 2015 से एक जनवरी 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाताओं को भी शामिल किया जाएगा।
बता दें कि 2015 के पंचायत चुनाव में करीब 11 करोड़ 80 लाख मतदाता थे। माना जा रहा है कि पिछले 5 साल में 10 प्रतिशत मतदाता बढ़ेंगे। इसलिए करीब 13 करोड़ मतदाता की सूची बनने की उम्मीद जताई जा रही है। इस तरह यूपी में पंचायत चुनाव अप्रैल व मई 2021 में करवाए जाने की उम्मीद है। राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायतीराज विभाग इसी आधार पर तैयारी में जुटे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण, शहरी क्षेत्र में शामिल पंचायतों को घटाते हुए नया परिसीमन, सीटों का नए सिरे से आरक्षण निर्धारण करने आदि में छह माह लगेंगे।
वहीं, अगर मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य अक्तूबर में शुरू होता है, तो उक्त सारे काम अगले साल मार्च तक पूरे होने की उम्मीद है। फरवरी-मार्च में वार्षिक परीक्षाएं भी होंगी। इसलिए उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अप्रैल-मई के महीनों में ही होने की उम्मीद जताई जा रही है।