हनीफ खान ने अपने सम्बोधन में उपस्थित युवाओं को लोहिया के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि स्व0 लोहिया जी का सबसे अधिक नाम लेने वाले उनके राजनैतिक शिष्यों के परिवारों की चार पीढ़ियां सक्रिय राजनीति में आज अहम पदों पर कब्जा जमाए हैं। लोहिया का राजनीतिक एवं वैचारिक समाजवाद, पारिवारिक समाजवाद के दुष्चक्र में फस कर रह गया है। आज की राजनीति सिद्धान्तों से भटक चुकी है। लेाहिया सिद्धान्तहीन राजनीति को मृत्यु के समान कहते थे।
हनीफ खान ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती मंहगाई के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता देश में सत्ता परिवर्तन चाहती है किन्तु जो लोग विपक्ष में रहते हुए जनता के हितों के लिए लड़ नही सकते, वे सत्ता परिवर्तन कभी भी नहीं कर सकते। अपने निजी स्वार्थ के चलते विपक्ष जनहित के अहम मुद्दो पर संघर्ष करने में असमर्थ है। यदि सम्पूर्ण विपक्ष अपने निजी स्वार्थो से ऊपर उठ कर E.V.M के मुद्दे पर चुनाव का बहिष्कार कर दे तो चुनाव बैलेट पेपर से ही होगा।
हनीफ खान ने लोहिया के कथन, “जिन्दा कौमे पांच साल इन्तजार नही करती“ से प्रेरणा लेकर 25 नवम्बर 2018, दिन रविवार को गम्भीर मुद्दो पर आधारित दलित व मुस्लिम हुंकार रैली के लिए उपस्थित लोगों से समर्थन मांगते हुए अपने हक और अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वाहन किया।