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शिवपाल यादव और राजा भैया को खड़ी दुपहरी में सूर्यास्त का अहसास करा गये चुनाव परिणाम

locationलखनऊPublished: May 25, 2019 03:51:41 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– राजनीतिक महत्वाकांक्षा को अलग से परवान चढ़ाने में जुटे शिवपाल यादव और राजा भैया झटका- एक भी सीट नहीं जीत पाई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी – लोकसभा चुनाव में अपना राजनीतिक रुतबा कायम रख सके शिवपाल यादव और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया

Shivpal Yadav and Raja Bhaiya

शिवपाल और राजा भैया को खड़ी दोपहरी में सूर्यास्त का अहसास करा गये चुनाव परिणाम

लखनऊ. लोकसभा चुनाव से पहले जीत का दावा करने वाले नये नवेले दो दलों के लिए चुनाव परिणाम सिर मुड़ाते ओले पड़ने जैसे हैं। मतदाताओं की बेरुखी मई की खड़ी दुपहरी में इन्हें सूर्यास्त का अहसास करा गई। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक सीटों पर प्रसपा लोहिया प्रत्याशी तो रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने दो सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी उतारे थे। उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को अलग से परवान चढ़ाने में जुटे शिवपाल यादव और राजा भैया ने अपनी-अपनी जीत के दावे किये थे, लेकिन इस चुनाव में यह दोनों इतने वोट भी नहीं पा सके कि इनका राजनीतिक रुतबा कायम रह सके।
फिरोजाबाद को छोड़कर प्रसपा लोहिया के उम्मीदवार थोड़ी ही सीटों पर कुछ हजार वोट पा सके। फिरोजाबाद में 91869 वोट पाकर शिवपाल यादव चौथे नंबर पर रहे। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के प्रतापगढ़ से प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह भी अपनी जीत का दावा कर रहे थे, लेकिन वह 46963 वोट पाकर चौथे नंबर खिसक गये, वहीं कौशाम्बी में राजा भैया के प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार पासी 1 लाख 56 हजार 406 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।
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भतीजे अखिलेश यादव से रार के बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाई थी। यूपी में उन्होंने 55 सीटों पार्टी प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से उनका कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। फिरोजाबाद में अक्षय यादव की हार के बाद शिवपाल जरूर थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा था कि उनका मकसद सिर्फ रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को हराना है, जो यादव परिवार के विलेन हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दल बनाने वाले राजा भैया अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को ठीकठाक वोट भी नहीं दिला पाये। चुनाव परिणाम के साथ ही कुंडा से पांच बार विधायक रहे राजा भैया की अपराजेयता भी अब संदिग्ध हो गई है।
यूपी में रसूखदार नेता हैं शिवपाल और राजा भैया
शिवपाल सिंह यादव और रघुराज प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम हैं। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों से पांच बार विधायक चुने गये और दोनों ही प्रदेश में कई बार मंत्री रह चुके हैं। बीते वर्षों में शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से तो राजा भैया कुंडा से विधायक चुने जाते रहे हैं। सूबे की सियासत में दोनों का अपना रसूख है, लेकिन जब यह दोनों अपनी-अपनी पार्टी बनाकर चुनावी जंग में उतरे तो मतदाताओं ने इन पर भरोसा नहीं दिखाया। चुनाव परिणाम के बाद दोनों ही पार्टियों के समर्थकों में निराशा है।

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