चार सालों में उच्च स्तर पर पहुंची मांग दरअसल भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग पिछले चार वर्षों के उच्चतम स्तर लगभग 22,500 मेगावाट पर पहुंच गयी है। इस समय देश के अन्य राज्यों में भी बिजली की कटौती शुरू हो गयी है।
अप्रेल में ही कहर बरपा रही है गर्मी अप्रेल माह से ही उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी कहर बरपाने लगी है। एकदम से अचानक से बढ़ी गर्मी और कुछ अन्य तकनीकी कारणों से हो रहा है। प्रदेश में तय शेड्यूल के अनुरूप ही सभी क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति करने का प्रयास पावर कारपोरेशन कर रहा है।
पिछले साल बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड 2,00,553 MW था पिछले साल सर्वाधिक बिजली आपूर्ति का रिकार्ड 2,00,553 मेगावाट था। यह आपूर्ति सात जुलाई को थी जो इस बार अप्रैल के अंत में ही देखने को मिली है। ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने कहा कि गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, वहीं कई बिजली इकाइयां तकनीकी कारणों से हफ्तों से बन्द है, ऐसे में बिजली की बचत के प्रयास में सभी अपना सहयोग प्रदान करें।
दो हजार अतिरिक्त मेगावाट बिजली का इंतजाम उन्होंने बताया है कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक मई से लगभग दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। वहीं दूसरी तरफ कोयले के संकट को दूर करने के लिए मालगाड़ियों से 16.2 लाख टन कोयला भेजा गया है। मालगाडियों के आवागमन के लिए 21 जोडी मेल एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के 753 फेरे निरस्त किए गए हैं।