नियामक आयोग ने परिषद की याचिका पर पावर कारपोरेशन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को अधिकारियों ने बताया कि महंगी बिजली खरीद पर रोक लगाकर, लाइन हानियां कम करके और फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर पावर कारपोरेशन अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकता है। ऐसा करने पर कारपोरेशन हर साल 3000 करोड़ से अधिक की बचत कर सकता है। ऊर्जा मंत्री ने परिषद के प्रस्ताव को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को भेजा। अवधेश वर्मा के मुताबिक उन्होंने प्रस्ताव पर लिखा कि उपभोक्ता हित में कार्यवाही किया जाए। बता दें कि यूपी सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 में लोक महत्व का विषय मानते हुए विद्युत नियामक आयोग को भी बिजली दरें कम करने की बात कही गई है।