एक तो प्रदेश के लोगों को Virus Covid 19 के संक्रमण से कैसे बचाया जाये इसके लिए यथासंभव सभी प्रयास किए गए। दूसरा जनसंख्या वृद्दि का ग्राफ कहीं तेजी से न बढ़ जाये। इसके लिए परिवार नियोजन के साधनों को लोगों तक पहुंचाया जाए। इसके लिए बकायदा स्वास्थ्य विभाग का एक अंग एक अभियान के रूप कार्य कर रहा था। आशा, एएनएम समेत सभी फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर,कोरेंटाइन सेंटर्स और शेल्टर होम्स में परिवार नियोजन के साधन पहुंचा रहे थे। प्रदेश के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) के आंकड़ों के अनुसार लाकडाउन माह अप्रैल और मई सिर्फ दो माह में ही 23 लाख से अधिक लोगों तक सरकार की परिवार नियोजन सुविधा पहुंचाई गई।
यह हैं प्रमुख साधन अप्रैल में 5 लाख 598 लोगों सरकार की तरफ से चल रहे परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया। इसमें पुरुष नसबंदी 13 , महिला नसबंदी 2952, इंटरवल आई.यू.सी.डी.4529, प्रसव पश्चात आई.यू.सी.डी.11197, आई.यू.सी.डी. (गर्भपात के बाद) 178, गर्भ निरोधक इंजेक्शन अन्तरा 1441, माला एन 41515, कंडोम 430501 और साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया 8372 है। इसी तरह मई में 18 लाख आठ हजार 752 लोगों सरकारी परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया। इसमें पुरुष नसबंदी 3, महिला नसबंदी 1110, इंटरवल आई.यू.सी.डी. 17270, प्रसव पश्चात आई.यू.सी.डी.17063, आई.यू.सी.डी. (गर्भपात के बाद) 112, गर्भ निरोधक इंजेक्शन अन्तरा 4055, माला एन 190621, कंडोम 15,34,580 और साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया 43938 है।
हीरलाल, अपर महा प्रबन्धक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि कुल पांच प्रक्रिया पर निर्भर करती है। ये हैं प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर, विवाह, प्रवास और सामाजिक गतिशीलता। परिवार नियोजन अपनाने से ही खुशहाली आएगी। हालांकि इस दिशा में सफलता मिली है। लेकिन लोगों से और सहयोग की आपेक्षा की जाती है।