बीजेपी की सधी हुई रणनीति का हिस्सा हैं असीम अरुण, पिता डीजीपी रहे बीजेपी ने उन्हें बहुत ही सोची समझी रणनीति के तहत पहले पार्टी में शामिल करवाया, फिर चुनाव लड़वाया और अब मंत्री बना दिया। जाटव समाज जो कि मायावती को कोर वोट बैंक माना जाता है, उसमें बीजेपी ने सेंध लगाई और आगे भी ये वोटर पार्टी के साथ और बड़ी संख्या में जुड़े, जाहिर है यही पार्टी की मंशा है और असीम अरुण को मंत्री बनाकर संदेश भी यही दिया गया है। आपको बता दें कि 1994 बैच के IPS असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं। असीम अरुण के पिता स्वर्गीय श्री राम अरुण यूपी के तेज तर्रार आईपीएस थे। श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी भी रह चुके हैं।
असीम अरुण की माँ लेखिका असीम अरुण की मां स्वर्गीय शशि अरुण लेखिका रही हैं। असीम अरुण का जन्म 03 अक्टूबर 1970 को बदायूं में हुआ था। असीम अरुण की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में हुई थी। इसके बाद बीएससी की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। इंडियन पुलिस सर्विस में आने के बाद यूपी के कई जिलों में तैनात रहे हैं।
लखनऊ में किया था आतंकवादी का एनकाउंटर असीम अरुण की गिनती तेजतर्रार पुलिस अफसरों में होती थी। वो एटीएस के आईजी रहे। लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में उनकी अहम भूमिका रही। कई आतंकी साजिशों का उन्होंने खुलासा किया। एडीजी पद पर प्रमोट होने के बाद कानपुर के पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे।