व्हाट्सएप पर की कॉल
एई प्रेमपाल ने साइबर थाने में इस मामले में तहरीर सौंपी है। एई ने बताया कि दो जनवरी को उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप कॉल की थी। उसने खुद को जयपुर पुलिस का एसएचओ बताते हुए कहा कि उनके बेटे को गिरफ्तार किया गया है। उस साइबर ठग ने एई को उनके बेटे को रेप केस से बचाने का रास्ता भी दिखाया था।
साइबर ठग ने एई को फोन कर बताया कि उनके बेटे ने एक पार्टी में किसी अधिकारी की बेटी से गैंगरेप किया है। बाकायदा साइबर ठगों ने एआई की मदद से एई से उनके पुत्र की आवाज में भी वार्ता की। एआई के जरिए आवाज बदलकर फोन करने वाले शख्स ने कहा कि पापा मुझे बचा लीजिए, मै रेप केस में फंस गया हूं। इस पर एई भयभीत हो गए थे।
बेटे की आवाज सुनकर एई भयभीत हो गए थे। इसी दौरान साइबर ठग जो खुद को जयपुर पुलिस का एसएचओ बता रहा था , उसने एई को बताया कि वह उनके बेटे को इस रेप केस से बचा लेगा, इसके एवज में उन्हें 5.75 लाख रुपये देने होंगे। बेटे को बचाने के खातिर एई पिता ने साइबर ठगों के खाते में 5.75 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साइबर ठगों के खाते में करीब छह लाख रुपये ट्रांसफर करने के बाद अगले दिन मां ने ये सोचकर बेटे को फोन किया किया कि संभवत: वह थाने से छूट गया होगा। बेटे ने जब फोन रिसीव किया तो उसके माता-पिता दंग रह गए। बेटे ने बताया कि वह हॉस्टल में पढ़ाई कर रहा है। बेटे ने ही जानकारी दी कि पिता को किसी साइबर ठग ने एआई की मदद से ठगी का शिकार बना लिया है।तब जाकर पिता को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हुए हैं।