सोमवार को करीब करीब 12:30 बजे ईओडब्ल्यू के डीआइजी हीरालाल तथा एसपी शकील उल जमां के साथ सभी विवेचक शक्ति भवन पहुंचे। सभी ने पॉवर कार्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन के द्वितीय तल पर यूपी पॉवर सेक्टर इम्प्लॉइज ट्रस्ट के कार्यालय में करीब आधे घंटी की पड़ताल करते हुए दफ्तर की गहन छानबीन की। गौरतलब है कि यूपीपीसीएल में हुए भविष्य निधि घोटाले की जांच पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपने हाथ में ली है। ईओडब्ल्यू ने शक्ति भवन पहुंचकर भविष्य निधि ट्रस्ट के कार्यालय का की पड़ताल के बाद कमरा सील कर दिया है। इसमें नामजद पॉवर कार्पोरेशन के तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी तथा तत्कालीन सचिव (ट्रस्ट) प्रवीण कुमार गुप्ता को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा गया है। प्रवीण गुप्ता को आगरा और सुधांशु द्विवेदी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
आरोपितों के रिमांड की मांग
ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके लिए सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपितों से मिली जानकारी को प्रमाणित कराया जाएगा और इससे जुड़े दस्तावेजों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी में और कौन-कौन शामिल है उसकी भी तफ्तीश की जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि ट्रस्ट के अन्य लोगों ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर तो इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है? जांच के दायरे में मौजूदा सचिव और वित्त निदेशक की भूमिका भी आएगी।
ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके लिए सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपितों से मिली जानकारी को प्रमाणित कराया जाएगा और इससे जुड़े दस्तावेजों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी में और कौन-कौन शामिल है उसकी भी तफ्तीश की जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि ट्रस्ट के अन्य लोगों ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर तो इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है? जांच के दायरे में मौजूदा सचिव और वित्त निदेशक की भूमिका भी आएगी।