दो घंटे में दूर हुई 12 साल की बीमारी
इस सर्जरी से 12 साल की बीमारी दो घंटे में दूर की गई है। इसकी उदाहरण बस्ती जिले के लोधावा गांव में मिला। यहां के शख्स बताते हैं कि उन्हें 2006 से अचानक Mirgi के दौरे पड़ने लगे। परिवारीजनों ने कई अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन बीमारी से छुटकारा नहीं मिला। उसे दिन में चार से आठ बार मिर्गी के दौरे पड़ते थे। रिश्तेदारों की मदद से वह पीजीआई के न्यूरोलजी डिपार्टमेंट में इलाज करवाने पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने तीन तरह की दवाएं दीं, लेकिन दौरे बंद नहीं हुए। इसके बाद डॉक्टरों ने 16 जुलाई 2018 को उसकी सर्जरी की। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज को दो महीने तक फॉलोअप में रखा गया। दो महीने के बाद गुरुवार को न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट की ओर से मिर्गी की सफल सर्जरी घोषित की गई।
ऐसी होता है मिर्गी की सर्जरी
यह सर्जरी न्यूरोलजी और न्यूरो सर्जन दोनों डिपार्टमेंट की संयुक्त टीम मिलकर करती हैं। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुनील प्रधान ने बताया कि मिर्गी से विद्युत तरंगों की तीव्रता, किस हिस्से से, कब और कितनी बार आ रहा है इसकी जांच विडियो ईईजी से की जाती है। इस मशीन से मरीज के सिर में दो दिनों तक जोड़े रखा जाता है, जिससे दिमाग के किस हिस्से में दिक्कत है उसको चिह्नित किया जाता है। इसके बाद न्यूरो सर्जन उस क्षतिग्रस्त हिस्से को ऑपरेशन करके निकाल देते हैं। इसके बाद मरीज को मिर्गी के दौरे पड़ने बंद हो जाते हैं।
ऐसे होता है ऑपरेशन
इसका ऑपरेशन सिर को खोल कर किया जाता है। न्यूरो सर्जन डॉ. जयेश सरधारा ने बताया कि मिर्गी के मरीज का अंतिम इलाज सर्जरी ही होती है। इसमें सिर को ओपन किया जाता है। इसके बाद माइक्रोस्कोप की मदद से दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्से को काट कर निकाल दिया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज को पांच दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाता है। डॉ. जयेश बताते हैं कि अब तक ये सर्जरी केरल और एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) में होती थी। अब पीजीआई में भी शुरू हो गई है। इस सर्जरी में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आता है।