राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी दिल्ली से वापसी के दौरान जसवंतनगर में विशेश्वरधाम भगवान परशुराम मंदिर कोठी कैस्त पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे कोई भी राजनैतिक पार्टी ब्राहमणों की हितकर नहीं है, यूपी में तो निरंतर ब्राहमणों का कत्लेआम हो रहा है। ब्राहमण ही नही बल्कि आजाद हिन्दूस्तान के बाद सिर्फ सवर्ण विरोधी मुहिम चल रही है। इस साजिश की शुरूआत संविधान की रचना के साथ हुई। संविधान कहता है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक किसी भी समुदायिक से हो उसमे भेदभाव नही होना चाहिए लेकिन उसी पक्षपात पूर्ण संविधान मे सवर्णों के लिए कोई स्थान नहीं है। इस समाज में हो रहे अत्याचारों के लिए सवर्ण आयोग की स्थापना न होना, जिस सवर्ण समाज की देश को आजाद कराने मे मुख्य भूमिका रही है वह समाज देश की दूषित, घ्रणित राजनीति का शिकार हो रहा है ।
उन्होंने आरोप किया कि भाजपा सरकार हिंदुस्तान को विश्वगुरू के रूप में स्थापित करना चाहती है। इस देश में आरक्षण के माध्यम से हर सरकारी विभाग में अयोग्य कम प्रतिशत वाले व्यक्तियों को पदासीन किया जा रहा है, योग्य प्रतिभाव का दमन हो रहा है। अयोग्य प्रतिभाव के भरोसे विश्वगुरू का सपना देखने वाले समय रहते सुधर जाएं। उन्होंने कहा कि संविधान के समीक्षा की आवश्यकता है। एक देश एक कानून व समान नागरिकता का संद्वान लागू हो तभी देश विश्व गुरू कहलायेगा।
इस वार्ता के दौरान शंकराचार्य परिषद के जिला संयोजक ऋषिकांत चतुर्वेदी, हृदयनाथ, चौधरी बीरेन्द्र सिंह, आशीष अग्निहोत्री, मनीष उपाध्याय, कुलदीप तिवारी, प्रभात दुबे, रामजी शुक्ला, अमित पाठक, दीपक दुबे, दिव्यमोहन, राजीव दुबे, मनोज पाण्डेय, मनोज चौधरी आदि मौजूद रहे ।