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मुलायम के कहने के बाद भी सपा ने आजम के पक्ष में आखिर क्यों नहीं दिखाई उतनी तेजी

locationलखनऊPublished: Sep 12, 2019 04:13:05 pm

Submitted by:

Anil Ankur

सपा संस्थापक ने कहा था आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार मानेगी नहीं

Mulayam Singh Yadav Akhilesh yadav

मुलायम सिंह यदाव और अखिलेश यादव


लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के पुराने नेता आजम खां के पक्ष में आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि आंदोलन इतना बड़ा होगा कि सरकार हिल जाएगी। पर सपा नेतृत्व ने आंदोलन तो किया, लेकिन उतनी तेजी से नहीं जितना मुलायम सिंह यादव चाहते हैं। उसमें केवल आजम का मुख्य मुद्दा नहीं था। उस आंदोलन में महंगाई भी थी, किसान भी थे और यातायात के नाम पर हो रहे उतपीडऩ के मामले भी थे।
मुस्लिम चेहरे के लिए न लडऩे के पीछे क्या हैं कारण

अब सवाल यह उठता है कि आखिर सपा अध्यक्ष ने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अपील को इतने हल्के में क्यों लिया। आखिर उन्होंने इस प्रकरण पर खामोशी क्यों बनाए रखी। आजम के प्रकरण के साथ सपा ने दूसरे मामले क्यों जोड़ दिए। जबकि आजम खां सपा का मुसलमान चेहरा हैं और सपा के वोटरों में मुसलमानों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसी स्थिति में सपा ने आखिर ऐसा क्यों किया? मुसलिम चेहरे के लिए अगर सपा लड़ती तो मुलायम की सोच के अनुरूप हो सकता था बिखर रहा मुस्लिम वोट एक बार फिर सपा के साथ जुड़ जाता।
क्या कहा था मुलायम सिंह यादव ने

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने आजम खां पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ उस वक्त आवाज उठाई जब उनकी पत्नी राज्यसभा मेम्बर मुलायम से मिलीं। पूरी बात सुनने के बाद मुलायम को लगा उन्हें ठंडे हो रहे कार्यकर्ताओं को जगाने के लिए एक मुद्दा मिल गया। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की तो उसमें सपा के पदाधिकारी नहीं बैठे। न राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादाव और न ही अन्य पदाधिकारी। फिर भी मुलायम ने बताया कि आजम बहुत ही जुझारू नेता हैं। ईमानदारी से काम करते हैं और गरीबों की पढ़ाई के लिए उन्होंने जोहर विश्व विद्यालय की स्थापना की तो उसका विरोध शुरू हो गया है। सरकार पुलिस के साथ मिलकर उनका उत्पीडऩ ऐसे कर रही है जैसे वे माफिया हों। उन्होंने आंदोलन बड़े स्तर छेडऩे का ऐलान किया, लेकिन वह आंदोलन सिर्फ एक औपचारिकता निभाकर रह गया।
सपा अध्यक्ष भी नहीं जा सके थे आजम से मिलने

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम से मिलने रामपुर जाने का ऐलान तो किया था, पर सरकार ने अनुमति नहीं दी तो वे नहीं गए। मुलायम ने बड़े आंदोलन को छेडऩे की बात की थी, वह भी उतनी जोरदारी से नहीं हुआ जितना समाजवादी पाटी्र करती रहती है। अब अखिलेश दोबारा रामपुर जाने की तैयारी में हैं। देखने की बात होगी कि उनकी वहां की विजिट का पार्टी को किस तरह लाभ मिलेगा।
मुलायम के कहने के बाद भी सपा ने आजम के पक्ष में आखिर क्यों नहीं दिखाई उतनी तेजी
सपा संस्थापक ने कहा था आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार मानेगी नहीं

समाजवादी पार्टी नेता सुहेल अनवर की बात माने तो वह कहते हैं कि पार्टी नेतृत्व जो कार्यक्रम बनाकर देता है कार्यकर्ता जिला व प्रदेश स्तर पर उसी आधार पर जुट जाते हैं। यह कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। अब राज्य स्तर का आंदोलन जल्द ही होगा। उस दिन सपा के युवाओं के गुस्से का अंदाज दूसरे दलों के नेताओं को हो जाएगा। उन्होंनेे कहा कि सपा में अनुशासित तरीके से काम होता है, न कि हर अदमी अपनी अपनी ढपली बजा रहा है।
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