कार्यक्रम की स्क्रिप्ट अम्बरीश मिश्र ने लिखी है। निर्देशक विनोद पवार रहे। फ़िल्म अभिनेता पदमश्री मनोज जोशी ने ‘आज सिंधु में ज्वार उठा है’ अटल जी की कविता का पाठ किया। अभिनेता सचिन खेडेकर ने कविता पाठ किया। मुम्बई से आये कलाकारों ने ‘क्या खोया क्या पाया जग में मिलते और बिछड़ते मग में’ गीत सुनाया।
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि अटल जी की मनमोहक छवि, अप्रतिम व्यक्तित्व और उनकी ओजस्वी कविताए आज भी हर देश्वासी को प्रेरित करती है। इसीलिए आज भी वो हमारे हृदय में बसते हैं। अटल जी एक सफल राज नेता होने के साथ साथ एक अभूतपूर्व कवि भी थे। उनके भाषण ना सिर्फ़ तत्कालीन विषयों को छूते थे। अपितु हर एक श्रोता के मन को उद्वेलित कर देते थे। उनका विनोदी स्वभाव, गम्भीर भाषण को भी हास्य के रंग में रंगने की क्षमता रखते थे ऐसे थे हमारे अटल जी ! ऐसे संवेदनशीलए बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय अटल जी हम सब के दिलों पर सदैव राज करते रहेंगे।
जिन लोगों को उनके सानिध्य में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके हृदय में अटल जी सदैव विराजमान रहेंगे। उनकी प्रथम पुण्यतिथी पर देश के लिए उनके योगदान को याद करते हुएए अटल, अचल, अविचल शब्द वाणी स्वर का त्रिवेणी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन ए अटल जी के कर्म क्षेत्र लखनऊ में किया गया। उनकी हृदय को छू देने वाली कविताएँ, उनके गीतों का अभूतपूर्व संकलन इस कार्यक्रम में सुनने को मिला ।