script90 मिनट में अटल बिहारी बाजपेयी के जीवन की सारी स्मृति को याद दिला गए यह कलाकार | Ex Prime Minister Atal Bihari Vajpayee 17 august program in lucknow | Patrika News

90 मिनट में अटल बिहारी बाजपेयी के जीवन की सारी स्मृति को याद दिला गए यह कलाकार

locationलखनऊPublished: Aug 17, 2019 09:41:06 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

मुम्बई से आये कलाकारों ने ‘क्या खोया क्या पाया जग में मिलते और बिछड़ते मग में’ गीत सुनाया।

Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee

90 मिनट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सारी स्मृति की याद दिलाई

लखनऊ , अटल, अचल, अविचल-शब्द, वाणी और स्वर के त्रिवेणी उत्सव ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि पर 90 मिनट के आयोजन में अटल जी की कविताएं उनके गीतों के अभूतपूर्व संकलन के संगीतमय पाठ एवं सुदर प्रस्तुतियों ने देश के लिए किये गए उनके योगदान की भी स्मृति को याद दिला दिया। आरके सीनियर सेकेण्डरी स्कूल सेक्टर डी अलीगंज में इस आयोजन को राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ उपद्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा बिहार अविनाश शर्मा, यूपीआईडी अद्यक्ष शिप्रा शुक्ला मौजूद रहे। सृजन संपदा संस्था के गायकों की सुंदर संगीतमय प्रस्तुति दीं।
कार्यक्रम की स्क्रिप्ट अम्बरीश मिश्र ने लिखी है। निर्देशक विनोद पवार रहे। फ़िल्म अभिनेता पदमश्री मनोज जोशी ने ‘आज सिंधु में ज्वार उठा है’ अटल जी की कविता का पाठ किया। अभिनेता सचिन खेडेकर ने कविता पाठ किया। मुम्बई से आये कलाकारों ने ‘क्या खोया क्या पाया जग में मिलते और बिछड़ते मग में’ गीत सुनाया।
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि अटल जी की मनमोहक छवि, अप्रतिम व्यक्तित्व और उनकी ओजस्वी कविताए आज भी हर देश्वासी को प्रेरित करती है। इसीलिए आज भी वो हमारे हृदय में बसते हैं। अटल जी एक सफल राज नेता होने के साथ साथ एक अभूतपूर्व कवि भी थे। उनके भाषण ना सिर्फ़ तत्कालीन विषयों को छूते थे। अपितु हर एक श्रोता के मन को उद्वेलित कर देते थे। उनका विनोदी स्वभाव, गम्भीर भाषण को भी हास्य के रंग में रंगने की क्षमता रखते थे ऐसे थे हमारे अटल जी ! ऐसे संवेदनशीलए बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय अटल जी हम सब के दिलों पर सदैव राज करते रहेंगे।
जिन लोगों को उनके सानिध्य में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके हृदय में अटल जी सदैव विराजमान रहेंगे। उनकी प्रथम पुण्यतिथी पर देश के लिए उनके योगदान को याद करते हुएए अटल, अचल, अविचल शब्द वाणी स्वर का त्रिवेणी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन ए अटल जी के कर्म क्षेत्र लखनऊ में किया गया। उनकी हृदय को छू देने वाली कविताएँ, उनके गीतों का अभूतपूर्व संकलन इस कार्यक्रम में सुनने को मिला ।
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