अपराध और आतंकवाद को मिल रही फर्जी पहचान
देश में गत वर्षों में पहचान पत्र को लेकर काफी सख्ती की गई। इसके चलते यूपी में भी पहचान पत्र को काफी महत्व दिया जा रहा है। लेकिन अपराधियों और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के लिए इनका तोड़ निकालना बाएं हाथ का खेल सा हो गया है। यूपी में फर्जी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र बनाने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। इन्हीं के जरिए अपराधी और आंतकी अपनी फर्जी पहचान भी बनवा ले रहे हैं। इन्हीं फर्जी पहचान पत्रों की मदद से वह कहीं भी खुलेआम घूम रहे हैं। यूपी एटीएस और अन्य राज्यों की एजेंसियों ने भी यूपी की फर्जी पहचान रखने वाले कई आंतकियों को भी पकड़ा है। इसका ताजा उदाहरण मुजफ्फरनगर से पकड़ा गया आतंकी अब्दुल्लाह है। यह बाग्लादेश से असम के रास्ते भारत में आया। इसके बाद असम में बने फर्जी वोटर कार्ड की मदद से 2011 सहारनपुर पहुंचा। यहां उसने कुछ अन्य लोगों की मदद से फर्जी आधार कार्ड हासिल किया। इसी आधार कार्ड से उसका भारतीय मूल का पासपोर्ट तैयार हो गया। वहीं यूपी के व अन्य प्रदेशों के कुख्यात अपराधी यूपी में दाखिल होने के बाद फर्जी पहचान पत्रों के जरिये यहां छुपकर रह रहे हैं। यूपी एटीएफ का मानना भी है कि अभी हजारों लोगों के पास फर्जी आधार कार्ड है। इसमें से कई कुख्यात अपराधी और देश विरोधी तत्व भी हो सकते हैं।