ये भी पढ़ें- कोरोनाः यूपी में फिर टूटा रिकॉर्ड, 34,379 हुए संक्रमित, 195 की मौत, सीएम ने दिए यह निर्देश अपने खर्च पर करा रहा हैं अंतिम संस्कार-
पंवार अपनी टीम के साथ अब तक करीब 150 लावारिस शवों का पोस्टमॉर्टम कर उनका अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने टैक्सी किराए पर ले रखी है। वह शव को गाड़ी में रखकर शवदाह गृह तक पहुंचाते हैं और अपने खर्च पर उनका अंतिम संस्कार कराते है। कोरोना मृतके के संपर्क के कारण वह और उनके साथी कई महीनों से अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। और लगातार यह काम कर रहे हैं। एसडीएम ज्योत्सना के सहयोग से यह टीम इस काम में लगी है। प्रद्येद्र सिंह पंवार का कहना है कि एक बार एक कोविड संक्रमित बुजुर्ज का शव अस्पताल के पोस्टमॉर्टम के लिए आया। अगले दिन सुबह पोस्टमॉर्टम होना था। परिजनों को फोन किया तो उन्होंने आने से साफ इंकार कर दिया। कुछ परिजन आते और शवों को पहचानने से इंकार कर देते।
पंवार अपनी टीम के साथ अब तक करीब 150 लावारिस शवों का पोस्टमॉर्टम कर उनका अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने टैक्सी किराए पर ले रखी है। वह शव को गाड़ी में रखकर शवदाह गृह तक पहुंचाते हैं और अपने खर्च पर उनका अंतिम संस्कार कराते है। कोरोना मृतके के संपर्क के कारण वह और उनके साथी कई महीनों से अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। और लगातार यह काम कर रहे हैं। एसडीएम ज्योत्सना के सहयोग से यह टीम इस काम में लगी है। प्रद्येद्र सिंह पंवार का कहना है कि एक बार एक कोविड संक्रमित बुजुर्ज का शव अस्पताल के पोस्टमॉर्टम के लिए आया। अगले दिन सुबह पोस्टमॉर्टम होना था। परिजनों को फोन किया तो उन्होंने आने से साफ इंकार कर दिया। कुछ परिजन आते और शवों को पहचानने से इंकार कर देते।