scriptयूपी में कृषि बिल पर हल्लाबोल, पुआल जलाकर लखनऊ समेत कई जिलों में किसानों का जोरदार विरोध प्रदर्शन | Farmers protest against agriculture bills Krishi Bill in Uttar Pradesh | Patrika News

यूपी में कृषि बिल पर हल्लाबोल, पुआल जलाकर लखनऊ समेत कई जिलों में किसानों का जोरदार विरोध प्रदर्शन

locationलखनऊPublished: Sep 25, 2020 04:27:40 pm

– भाजपा का असली उद्देश्य कृषि भूमि पर अप्रत्यक्ष कब्जा करना : अखिलेश
– किसान अपने ही खेत पर बन जाएगा मजदूर : प्रियंका गांधी

यूपी में कृषि बिल पर हल्लाबोल, पुआल जलाकर लखनऊ समेत कई जिलों में किसानों का जोरदार विरोध प्रदर्शन

यूपी में कृषि बिल पर हल्लाबोल, पुआल जलाकर लखनऊ समेत कई जिलों में किसानों का जोरदार विरोध प्रदर्शन

लखनऊ. संसद के दोनों सदनों से पारित कृषि विधेयकों के खिलाफ शुक्रवार को किसान संगठनों ने पूरे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन कर जगह-जगह चक्का-जाम किया। हालांकि सरकार ने इन विधेयकों को किसान हितैषी बताते हुए दावा किया है कि इनसे किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार उनके उत्पादों के लिए खुलेगा, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि ये विधेयक कृषि क्षेत्र को कार्पोरेट के हाथों में सौंपने की कोशिशों का हिस्सा हैं। उनका मानना है कि इससे किसानों को नुकसान होगा। बिल के विरोध में किसानों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। पश्चिमि उत्तर प्रदेश में विरोध साफ देखने को मिला। तो वहीं किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सुल्तानपुर रोड और फैजाबाद रोड पर यातायात बाधित रहा। कई जगह रेलवे ट्रैक पर भी इकट्ठा होकर किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया। दूसरी तरफ किसानों के गुस्से को देखते हुए बाकी राजनीतिक पार्टियां भी प्रदेश में सक्रिय हो गईं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा का असली उद्देश्य कृषि भूमि पर अप्रत्यक्ष कब्जा करना है, तो प्रियंका गांधी ने कहा कि इस बिल के बाद किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। बता दें, सपा और कांग्रेस बिल पारित होने के बाद से ही इसके विरोध में सरकार को घेरे की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी भी जिलों में धरना प्रदर्शन करती नजर आई। तो वहीं 28 सितंबर को कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ में विधानभवन को घेरने और किसानों को जागरूक करने का अभियान चलाने का ऐलान किया है।

 

सड़कों पर उतरे किसान

लखनऊ से सटे बाराबंकी, सीतापुर और रायबरेली के अलावा पश्चिमी यूपी में किसान सड़क पर उतरे नजर आए। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कई जगहों पर पराली जलाई। सैकड़ों की संख्या में किसानों ने अयोध्या-लखनऊ हाइवे जाम कर दिया। इस दौरान किसान आन्दोलन में राहगीरों का लम्बा जाम लग गया। हाइवे के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गईं। किसानों के हंगामे को लेकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों का कहना था कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार आनन-फानन में जो ये कृषि अध्यादेश लेकर आई है, हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये अध्यादेश किसानों के हित में है, तो इसे लागू करने से पहले किसानों से बात की जाती। फिर सभी की सहमति के बाद इसे लागू किया जाता। इतने सालों से देश का किसान अपने किसान आयोग की मांग कर रहा है, लेकिन उसपर ध्यान न देकर इस अध्यादेश को लागू किया गया है।

 

भाजपा का असली उद्देश्य कृषि भूमि पर अप्रत्यक्ष कब्जा करना: अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा का असली उद्देश्य कृषि भूमि पर अप्रत्यक्ष कब्जा करना है। किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है, उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औनेपौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा। गेहूं, धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी। समाजवादी पार्टी किसानों की आवाज दबने नहीं देगी।

 

किसान अपने ही खेत पर बन जाएगा मजदूर: प्रियंका गांधी

कृषि बिल को लेकर प्रियंका गांधी ने भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि किसानों से MSP छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। बीजेपी का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।

 

मायावती ने खड़े किए सवाल

बसपा सुप्रीमो मायावती किसान बिलों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर दिखीं। मायावती ने कहा कि बीएसपी ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो