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लखनऊ

यूपी में कृषि विधेयक से बाजार में होने वाली स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से होगा किसानों को लाभ, सीएम योगी ने कही बड़ी बात

बिचौलियों को खत्म कर उपज का अधिकतम लाभ दिलाना सरकार का मुख्य मकसद

लखनऊSep 24, 2020 / 08:11 pm

Neeraj Patel

यूपी में कृषि विधेयक से बाजार में होने वाली स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से होगा किसानों को लाभ, सीएम योगी ने कही बड़ी बात

यूपी में कृषि विधेयक से बाजार में होने वाली स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से होगा किसानों को लाभ, सीएम योगी ने कही बड़ी बात

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कृषि विधेयक से बाजार में होने वाली स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से किसानों को लाभ होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसानों का अधिकतम हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और आगे भी रहेगी। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष द्वारा किया जा रहा दुष्प्रचार बेबुनियाद है।

विधेयक के बाद किसानों को अपनी उपज बेचने के और अधिक विकल्प मिलेंगे। वह चाहें तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी उपज सरकार द्वारा स्थापित क्रय केन्द्रों पर बेचें या मंडी में या उससे बाहर। सरकार किसानों को प्रत्येक तरह की सुविधा देने के लिए और उनके हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

जारी रहेगी एमएसपी पर खरीद

मुख्यमंत्री योगी ने भारतीय किसान यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी। इसमें किसी को भी किसी तरह का संशय नहीं होना चाहिए। इससे पहले किसान फसल उपजाते थे, सरकार उन्हें मूल्य देती थी जबकि फायदा बिचौलिए उठाते थे। अब बिचौलिए के लिए कोई जगह नहीं होगी। एक अक्टूबर से 3000 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो जाएगी। जो लोग एमएसपी काे लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनके समय में एमएसपी पर खरीद होती ही नहीं थी। असली किसानों से एमएसपी पर खरीद तो भाजपा सरकार आने के बाद ही शुरू हुई। तीन साल और इसके पहले के तीन साल के आंकड़े इसके सबूत हैं।

15 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी चीनी मिलें

सीएम योगी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर से गन्ने का पेराई सत्र शुरू हो जाएगा। प्रदेश के मध्य क्षेत्र और बाकी हिस्सों में इसकी शुरुआत 25 अक्टूबर से होगी। पेराई सत्र के पहले गन्ना मूल्य का 100 फीसद भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश भी शासन और स्थानीय प्रशासन को दिया जा चुका है। समय से पेराई सत्र शुरू होने से किसान गेहूं की समय से बोआई कर इसकी भी भरपूर उपज ले सकेंगे। इसके साथ ही कहा कि हम गन्ना किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के दौरान जहां महाराष्ट्र और कर्नाटक की 50 फीसद चीनी मिलें बंद हो गयीं थीं, वहीं उत्तर प्रदेश की सभी 119 मिलें चलवाकर किसानों के हितों की रक्षा की गयी। यही नहीं इस दौरान इन मिलों ने रिकार्ड मात्रा में सैनिटाइजर बनाकर कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भी अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है।

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