मामला बृहस्पतिवार की रात का है, जब ठाकुरगंज के नवजगंज निवासी रामशंकर ने अपनी परेशान को कागज में लिखकर फांसी लगा ली। उन्होंने सुसाइड नोट पर लिखा था कि “मैं बड़े अफ़सोस के साथ लिख रहा हूँ कि मेरा बेटा पैसा लेकर चला गया। मेरे पड़ियों ने मेरी खूब देखभाल की, इसलिए मेरा शव उन्हें ही सौंपा जाए…।”
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इंस्पेक्टर ठाकुरगंज दीपक दुबे ने बताया कि कमरे में सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में रामशंकर ने लिखा कि “मैं बड़े अफ़सोस के साथ लिख रहा हूँ कि मेरा बेटा पैसा लेकर चला गया। मेरे पड़ियों ने मेरी खूब देखभाल की, इसलिए मेरा शव उन्हें ही सौंपा जाए…।”
रामशंकर रसोई गैस के सिलेंडर की रिफिलिंग का काम करते थे। इसके बाद आर्थिक तंगी का दौर शुरू हुआ। कुछ दिनों तक इकलौता बेटा चेतन साथ रहा। बाद में वह अपने परिवार के साथ अलग रहने लगा। रामशंकर को पड़ोसियों की मदद से खाना पीना व दवा उपलब्ध हो जाती थी। लेकिन आर्थिक तंगी व बीमारी से परेशान रामशंकर ने बृहस्पतिवार की रात फांसी लगा कर मौत को गले लगा लिया। सुबह काफी देर तक रामशंकर बाहर नहीं दिखे तो पड़ोसियों ने खिड़की से झांककर देखा। अंदर रामशंकर का शव लटक रहा था। यह देखकर पड़ोसियों ने पुलिस व बेटे चेतन को मौत की सूचना दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मामले में इंस्पेक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की कार्रवाई की जाएगी।