ऐसे ली जाएगी अब फीस अब निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस भी नहीं वसूल सकेंगे। फीस को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक तो वह हिस्सा है, जिसे विद्यालय अनिवार्य रूप से ले सकते हैं। दूसरा हिस्सा वह है, जिसकी सेवाएं लेने पर ही संबंधित फीस दी जाएगी। विवरण पुस्तिका, पंजीकरण शुल्क, शिक्षण और परीक्षा शुल्क विद्यालय हर साल अनिवार्य रूप से ले सकेंगे। एडमिशन फीस हर साल नहीं बल्कि एक ही बार प्रवेश के समय ली जाएगी।कैंटीन का इस्तेमाल नहीं करता था, लेकिन शुल्क देना होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस तरह के मदों को ऐच्छिक फीस में डाल दिया गया है। आवागमन सुविधाएं, बोर्डिंग, भोजन, शैक्षिक भ्रमण और अन्य सुविधाएं जिसमें छात्र हिस्सा लें, उसी की फीस देनी होगी। इसके अलावा विकास शुल्क कुल संभव और ऐच्छिक फीस का अधिकतम 15% होगा। इसका इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर में होगा, जिसमें नई ब्रांच खोलना भी शामिल होगा।
नए छात्रों के लिए नया दाखिला लेने वाले छात्रों की फीस निर्धारण के लिए स्कूल स्वतंत्र होंगे, लेकिन यह फीस स्कूल की कुल आय-व्यय और विकास फंड (प्रति छात्र) में संग्रहित कुल राशि के योग से अधिक नहीं होगी।
पुराने छात्रों के लिए वर्तमान छात्रों के लिए शैक्षिक स्टाफ को दिए जाने वाले मासिक वेतन में की गई बढ़ोतरी के अनुपात में फीस बढ़ाई जा सकेगी। लेकिन यह बढ़ोतरी वार्षिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक+5% से अधिक नहीं होगी