भारत महोत्सव के पांचवी सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ प्रिया पाल ने देवी गीत निमिया के डार मईया डारेला झूलनवा से कर श्रोताओं को देवी दुर्गा की भक्ति के सागर में आकन्ठ डुबोया। भक्ति भावना से ओतप्रोत इस प्रस्तुति के उपरान्त प्रिया पाल ने अपनी खनकती हुई आवाज में अवधी लोकगीत राम लखन दोनो भईया अवध रहवैया उनके संग आये और छोड़ो दुपट्टा घनश्याम सबेरे दहिया दे जाऊंगी गीत को सुनकर श्रोताओं का मन मोहा।
हृदय को हर्षातिरेक से भर देने वाली इस प्रस्तुति उपरान्त प्रिया पाल ने अपनी सुमधुर आवाज में आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां, कोठे उपर कोठरी मै उस पर रेल चलाय दूंगी और सैया मिले लरकइयां मे एवं भोजपुरी गीतों को सुनाकर श्रोताओं को देर रात तक अपने साथ खूब झुमाय। इस अवसर शालिनी श्रीवास्तव के निर्देशन मे मिस्टर- मिस एवं मिसेज प्रतियोगिता भी हुई, जिसमे प्रतिभागियो ने अपनी नैसर्गिक प्रतिभा का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन सम्पूर्ण शुक्ला और अरविन्द सक्सेना ने किया।