फिक्की उत्तर प्रदेश के चेयरमैन शरद जयपुरिया ने आम बजट हर तबके लिए अच्छा बताया और कहा बजट की खासियत रही कि सरकार ने कोविड-19 जैसे विश्वव्यापी संकट से गुजरने के बाद भी बजट में सभी सेक्टर के लिए कुछ न कुछ देने का प्रयास किया है। बहुत अच्छा बजट है। बजट में किसान, मध्यम वर्ग, गरीब, महिलाओं समेत प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गया है। यह निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को गति देने एवं देश के हर नागरिक को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 40 हजार करोड़ रुपए प्राविधान किया जाना निश्चित तौर पर एक स्वागत योग्य कदम है।
फिक्की उत्तर प्रदेश के को-चेयरमैन अमर तुलस्यान ने बजट को आत्मनिर्भर-भारत का खाका खींचने वाला बताया, उन्होंने कहा यह एक ऐतिहासिक और बहुत प्रगतिशील बजट है। यह निश्चित तौर से आत्मनिर्भर भारत के लिए आकांक्षाओं को मूर्त रूप देगा।इस बजट में अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और रोजगार सृजन जैसे प्रमुख मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। सरकार ने दबाव के बावजूद उद्योग जगत और आम नागरिकों पर बिना अतरिक्त बोझ डाले इन्वेस्टमेंट बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। आम टैक्सपेयर का भरोसा बढ़ाने की दिशा में उठाया गया सरकार का कदम बेहद सराहनीय प्रयास है।
एलके झुनझुनवाला, पूर्व अध्यक्ष, फिक्की-उत्तर प्रदेश स्टेट काउंसिल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सरकार कोविड-19 के चलते पहले से ही आर्थिक दबाव में थी, फिर भी जिस तरह से सरकार ने सभी सेक्टर्स के विकास के लिए बजट का प्राविधान किया है, उसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे. सरकार को ई-कॉमर्स के लिए भी रेगुलेटरी बॉडी बनाने की घोषणा करनी चाहिए थी, उससे खुदरा व्यपारियों को निश्चित तौर पर राहत मिलती. स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढया जाना वक्त की जरुरत थी, सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है।
फिक्की उत्तर प्रदेश काउंसिल के प्रमुख अमित गुप्ता ने दबाव के माहौल में भी वित्तमंत्री द्वारा पेश बजट को सराहनिया बताया। उन्होंने कहा बीते एक वर्ष से पूरा विश्व कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रहा है, इस दौरान भारत को भी हर मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में सरकार ने हेल्थ सेक्टर और इंश्योरेंस सेक्टर पर विशेष ध्यान देकर एक दूरदर्शी कदम उठाया है। वैक्सीनेशन के 35 हज़ार करोड़ रूपये का प्राविधान कर सरकार ने सभी देशवासियों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है, यह एक बेहद सराहनीय कदम है। इसके अलावा बीमा कंपनियों में एफडीआई को 49% से बढ़ाकर 74% करने का प्रस्ताव आम नागरिकों को प्रतिस्पर्धी दर पर बीमा पालिसी दिलाने में मदद करेगा, यह भी एक स्वागत योग्य कदम है।