क्षत्रिय समाज के नेता मनोज सिंह चौहान ने कहा, “आज अगर हम क्षत्रिय एक नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं है कि फिर कोई फिल्म निर्माता यही गलती दोहराएगा। मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि वह तत्काल इस फिल्म पर रोक लगाएं। ताकि देश में किसी तरह की हिंसा न हो.”साथ ही उन्होंने सभी फिल्म निर्माता व निर्देशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में क्षत्रिय समाज के किसी भी ऐतिहासिक महापुरुष के बारे में गलत फिल्मांकन किया तो उसे विरोध का सामना करना होगा।
इतिहास की किताबों में जो दर्ज है उसके मुताबिक रानी पद्मावती की चर्चा उनकी खूबसूरती और साहस को लेकर है। राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी रानी पद्मावती का विवाह, चित्तौड़ के राजा रतन सिंह से हुआ था। उस दौरान यानी 12वीं-13वीं सदी में दिल्ली का सुल्तान था अलाउद्दीन खिलजी। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती की सुंदरता पर मोहित था। इतिहास के मुताबिक खिलजी ने पद्मावती के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। खिलजी ने हमला कर पद्मावती के पति रतन सिंह को बंधक लिया और पद्मावती की मांग करने लगे।
रतन सिंह के सैनिकों ने उन्हें खिलजी की कैद से छुड़ा लिया जिसके बाद गुस्साए खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। बड़ी लड़ाई लड़ी गई जिसमें रतन सिंह मारे गए। कहा जाता है कि पद्मावती ने खुद को खिलजी के हवाले नहीं किया बल्कि आग में कूदकर जान दे दी। पद्मावती के बाद चित्तौड़ की दूसरी महिलाओं ने भी आग में कूदकर जान दे दी। इस तरह आग में कूदकर जाने देने को जौहर कहा जाता है।