गांधी को घेरना मकसद बीजेपी के प्रवक्ता हीरो बाजपेयी के मुताबिक रायबरेली के लोग स्टेडियम, विश्वविद्यालय, सौर लाइट और सौर उर्जा से चलने वाले पंप की मांग कर रहे हैं। लेकिन, गांधी परिवार इसे अनसुना कर रहा है। इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली अपनी सांसद निधि का पैसा रायबरेली में खर्च करेंगे। ताकि जिले के लोगों की मांगों को पूरा किया जा सके। बाजपेयी का कहना है कि रायबरेली में कांग्रेस के शासन में विकास नहीं हुआ। अरुण जेटली के इस कदम से बेशक कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी लेकिन, ऐसा करना भाजपा की भी मजबूरी है। वह जनआंकाक्षाओं की अनदेखी नहीं कर सकती। हीरो बाजपेयी विकास का जायजा लेने के लिए 28 सितम्बर को रायबरेली का दौरा कर चुके हैं। उस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा के और सांसद भी रायबरेली के विकास के लिए अपनी संंासद निधि की राशि यहां खर्च करने के इच्छुक हैं।
गौरतलब है कि रायबरेली जिले का प्रतिनिधित्व हमेशा से गांधी परिवार करता आया है। लेकिन, इसके बाद भी जिले का कुछ खास विकास नहीं हुआ है। शायद यही वजह है कि जेटली ने इस जिले को चुना है। एक ओर अरुण जेटली रायबरेली में तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी में पहले से ही अमेठी में काफी सक्रिय हैं। आने वाले चुनाव से पहले राहुल गांधी को उन्हीं के गढ़ अमेठी में मात देने के लिए स्मृति ईरानी पिछले सालों से ही एक्शन में हैं। सितम्बर में स्मृति ईरानी दो बार अमेठी के दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने अमेठी में खादी ग्रामोद्योग की तरफ से आलू फैक्ट्री लगाने की बात कही थी। साथ ही अमेठी और रायबरेली के विकास के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा था कि जिनके संसदीय क्षेत्र में आज भी 80 फीसदी मकान कच्चे हैं, उनसे देश के विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती।
बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपेयी के अनुसार करीब एक महीने पहले जेटली ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद होने के नाते रायबरेली को विकास के लिए चुना था। गांधी परिवार की विरासत और प्रतिनिधित्व होने के बाद भी अमेठी में कोई विकास नहीं हुआ है। कमोबेश यही हाल रायबरेली का भी है। इसलिए यहां के लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए रायबरेली को चुना गया है। रायबरेली के विकास के लिए 2.5 करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं। परियोजना निदेशक प्रेमचंद पटेल ने ढाई करोड़ रुपए वित्त मंत्री की निधि से मिलने की पुष्टि की है। प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि हर गांव गली रोशन करने पर निधि खर्च की जाएगी।