मरीज.तीमारदारों का दम घुटने लगा। ऐसे में कई लोगों ने भाग कर जान बचाई।वही बिल्डिंग के तीन फ्लोर खाली करा लिए गए लगभग आधा घंटे की मसक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।यह पहला मामला नहीं है ट्रॉमा सेंटर में दूसरे तल पर पहले भी आग 15 जुलाई 2017 को भी दूसरे तल के डिजास्टर वार्ड में आग लगी थी। इस दौरान मरीजों की शिफ्टिंग व धुएं में दम घुटने से आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
शासन ने मामले की जांच कराई। इंजीनियर सस्पेंड कर दिए गए लेकिन फिर बहाल हो गए। वहीं रात में ट्रॉमा सेंटर में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया। चारों ओर चीखपुकार मच गई। देखते ही देखते वहीं रेजीडेंट डॉक्टरों ने मरीजों को निकालना शुरू किया।ट्रॉमा सेंटर में 170 मरीज भर्ती थे। द्वितीय फ्लोर पर 39 बेड का मेडिसिन वार्ड है। वहीं 26 बेड का आर्थोपेडिक वार्ड हैं मगर लॉकडाउन के चलते मरीज कम थे। रात में धुआं भरने से मरीजों का दम घुटने लगा। अफरा.तफरी मच गई। तीन फ्लोर के मरीज खाली कराए गए। कुल 50 मरीजों को गांधी वार्ड लिंब सेंटर व बाल रोग में शिफ्ट किया गया।