scriptकेजीएमयू में शुरू होगा बच्चों का ट्रामा सेंटर, अब तक केवल विदेशों में यह सुविधा | first trauma center for children to start in kgmu | Patrika News

केजीएमयू में शुरू होगा बच्चों का ट्रामा सेंटर, अब तक केवल विदेशों में यह सुविधा

locationलखनऊPublished: Oct 19, 2020 03:51:17 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में जल्द ही बच्चों के लिए इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर शुरू किया जाएगा, जहां दुर्घटनाग्रस्त बच्चों का इलाज होगा। इसी के साथ यह प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल बन जाएगा जहां बच्चों के लिए इस तरह की सुविधा शुरू होगी।

केजीएमयू में शुरू होगा बच्चों का ट्रामा सेंटर, अब तक केवल विदेशों में यह सुविधा

केजीएमयू में शुरू होगा बच्चों का ट्रामा सेंटर, अब तक केवल विदेशों में यह सुविधा

लखनऊ. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में जल्द ही बच्चों के लिए इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर शुरू किया जाएगा, जहां दुर्घटनाग्रस्त बच्चों का इलाज होगा। इसी के साथ यह प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल बन जाएगा जहां बच्चों के लिए इस तरह की सुविधा शुरू होगी। अभी तक यह सुविधा केवल विदेशों में उपलब्ध है। केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियॉट्रिक आर्थोपेडिक में इस सुविधा को लेकर काम शुरू हो गया है। यह करीब 30 बेड का ट्रॉमा सेंटर होगा। मार्च 2021 तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
ट्रॉमा सेंटर के लिए अलग बिल्डिंग

केजीएमयू के वीसी मेजर डॉ. विपिन पुरी ने इस मामले में कहा है कि केजीएमयू में बनने वाला यह ट्रॉमा सेंटर पूरे यूपी के लिए रोल मॉडल की तरह काम करेगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा ट्रॉमा सेंटर होगा जहां बच्चों का इलाज चलेगा। उन्होंने कहा कि नए ट्रॉमा सेंटर के बनने तक शुरुआत में केजीएमयू में जो ट्रॉमा सेंटर चल रहा है, उसी बिल्डिंग में बच्चों व बड़ों की समानांतर व्यवस्थाएं चलेंगी। इसमें करीब 30 बेड बच्चों के लिए अलग से शुरू किए जाएंगे। शुरुआत में दुर्घटनाग्रस्त बच्चों का इलाज इसी बिल्डिंग में होगा। हालांकि, बाद में बच्चों के लिए अलग से बिल्डिंग बनाए जाने की भी योजना है। साथ ही अलग से वेंटिलेटर व मॉनिटर की भी व्यवस्था की जाएगी।
30 फीसदी सरकारी या प्राइवेट में कराते हैं इलाज

वर्ष 2019 में जनवरी से दिसंबर तक पूरे लखनऊ में करीब 2700 से 2800 ऐसे मरीज आए जोकि सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में आए। उनमें से करीब 858 केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में आए। करीब एक साल में सरकारी के अलावा जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में इलाज कराते हैं, वह 25 से 30 फीसद यानी करीब 4000 से 4500 अतिरिक्त बच्चे इलाज कराने आए।
आरटीपीसीआर से कोरोना टेस्टिंग करने वाला देश का पहला प्रयोगशाला

कोवि़ड मामलों में रिकॉर्ड तो़ड़ टेस्टिंग करने वाला केजीएमयू देश का पहला प्रयोगशाला बन गया है। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग मे रिकॉर्ड तोड़ टेस्टिंग की गई है। यहां के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर के जरिये कोरोना कोरोना टेस्टिंग की जांच की गई। केजीएमयू ने सितंबर तक अकेले आरटीपीसीआर के जरिए 5,02,278 कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीजों का कोरोना सैपंलिंग की जांच की। वहीं अक्टूबर ये आंकड़े हजार की संख्या में बढ़ गए हैं। ऐसा करने वाला केजीएमयू देश का पहला प्रयोगशाला बन गया है। हालांकि अभी भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यूपी में सभी आरटी पीसीआर प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता लाने के लिए कार्यक्रम चला रहा है। इसका उद्देश्य है कि वह और भी बेहतर से बेहतर आरटीपीसीआर के जरिए जांच कर सके।

ट्रेंडिंग वीडियो