छोटे शहरों में बढ़ रहा ये धंधा पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। पता चला कि वह राजधानी में ऑनलाइन फ्रेंड्स क्लब के नाम पर देह व्यापार का धंधा संचालित करते थे। मुख्य आरोपित अभय ने दो अलग-अलग नाम से वेबसाइट भी बना रखी थी। एस्कॉर्ट सर्विस या फ्रेंड्स क्लब में रुपयों का लेनदेन सर्वाधिक पेटीएम के माध्यम से होता है। होटल की बुकिंग भी उसी से की जाती है। सदस्यों से एडवांस में रुपये जमा करने के लिए कहा जाता है। कई बार लोग झांसे में आकर तय राशि की कुछ रकम पेटीएम के माध्यम से जमा कर देते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं। रुपये मिलने के बाद सर्विस देने वाले उनका नंबर ब्लॉक कर देते हैं। लोग लोक-लाज के भय से पुलिस में शिकायत करने से कतराते हैं। राजधानी लखनऊ में ये व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। सूबे में वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और मेरठ के तमाम होटलों में इन दिनों ऐसे व्यापार को अंजाम दिया जा रहा है।
इस तरह फंसाते हैं ग्राहकों को अपनी जाल में
सूत्रों की मानें तो इस व्यापार में तमाम वेबसाइट व ऐप बनाकर क्लाइंट को फंसाया जाता है। क्लब के सदस्य अपने प्रोफाइल में गलत नाम, पता और फोन नंबर दर्ज करते हैं। इसमें 18-25 साल के लड़कों को खासतौर से झांसे में फांसने की कोशिश की जाती है। होटल रिसेप्शनिस्ट हत्या के केस में भी आरोपी की उम्र 21 साल के आस-पास बताई जा रही है। ऐप्स के जरिए युवकों को फंसाकर उन्हें होटल बुलाया जाता है।
मामला में हुआ खुलासा
होटल रिसेप्शनिस्ट हत्या के मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि शुक्रवार शाम 4:३० बजे के करीब पुरानी दिल्ली की रहने वाली गुरमीत कौर ने होटल सारा ग्रैंड में चेक-इन किया था। रात करीब 10 बजे पास के होटल शुभ स्टे इन में रूबी के साथ रुका धीरज नारंग सोशल मीडिया पर दोस्त बनी गुरमीत से मिलने के लिए आया। कृष्ण ने उसकी गुरमीत से मुलाकात नहीं करवाई तो दोनों में कहासुनी हो गई। धीरज ने मैसेज कर गुरमीत को बताया कि रिसेप्शनिस्ट मिलवाने से मना कर रहा है। पुलिस का दावा है कि इस बात पर गुरमीत और रूबी ने नराजगी जताई और धीरज को बदला लेने के लिए उकसाया। इसके बाद धीरज ने रायबरेली निवासी अभय सिंह और गोंडा निवासी हरिओम को बदला लेने के लिए भेजा। रात दो बजे सारा ग्रैंड होटल पहुंचकर दोनों ने रूम लेने की बात कही। एक युवक ने अपना चेहरा ढक रखा था। कुछ देर बाद दोनों पक्षों में बहस होने लगी।
इसके बाद कृष्ण ने किसी को अपने मोबाइल से कॉल की। तभी चेहरा ढके युवक ने असलहा निकाल लिया और कृष्ण को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर पास के कमरे में सो रहा मैनेजर अभिषेक व अन्य कर्मचारी वहां आए, लेकिन तब तक बदमाश भाग चुके थे। घटना की सूचना पर पहुंची पीआरवी व विभूतिखंड पुलिस कृष्ण को लोहिया अस्पताल लाई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।